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मंत्री के बेटे को नियम बताने वाली सुनीता तौड़ चुकी है कई बार कानून, इस वजह से हुई थी सस्पेंड

आप सभी को गांधी जी का वो किस्सा तो याद ही होगा, जिसमें एक माँ अपने दस साल के बच्चे को ले कर गांधी जी के पास आती है। और उनसे कहती है, यह गुड़ बहुत खाता है इसे कहो यह गुड़ ना खाए। गांधी जी उससे बोलते हैं आप तीन दिन बाद आना, तीन दिन बाद जब माँ-बेटे गांधी जी के पास गए तो उन्होंने बच्चे से कहा इतना गुड़ खाना अच्छा नहीं होता, अब से मत खाना। बच्चे की मां ने हैरानी से गांधी जी से पूछा यह तो आप उस दिन भी कह सकते थे। इस पर गांधी जी ने कहा तब तक मैं भी बहुत गुड़ खाता था, और जब मैं वही गलती खुद कर रहा हूँ तो फिर दूसरों को उसके प्रति सजग कैसे कर सकता हूँ? गांधी जी का यह किस्सा वायरल लेडी सिंघम सुनीता यादव को जरूर सुनना चाहिए। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं आइए इसके पीछे की वजह आपको बताते हैं। 

दरअसल मंत्री के बेटे को नियम कानून गिनवा कर इंटरनेट पर भयंकर तरीके से वायरल होने वाली सिपाही सुनीता याद अब खुद विवादों में फंसती हुई नजर आ रही है। मंत्री के बेटे को गाड़ी पर मंत्री का बोर्ड लगा कर घूमने पर फटकार लगाने वाली सिपाही सुनीता यादव के पिता खुद गुजरात पुलिस का बोर्ड टांगे अपनी गाड़ी घुमाते हैं, अब यह कितना नियम के दायरे में है? यह सुनीता जी को बताना चाहिए। वहीं उन पर यह भी आरोप लग रहा है कि वे आम आदमी पार्टी के नेताओं से मिली हुई हैं।

पिछले सप्ताह वीडियो हुआ था, धमाकेदार तरीके से वायरल

जैसा कि आप जानते हैं, कुछ दिन पहले सुनीता ने रात करीब साढ़े दस बजे सूरत में कर्फ्यू के समय घूम रहे प्रदेश के राज्य स्वास्थ मंत्री किशोर कानाणी के बेटे प्रकाश व उनके पांच दोस्तों को पकड़ा था, और जम कर फटकार लगाई थी। सिर्फ इतना ही नहीं सुनीता यादव इस बात पर भी गुस्सा हुई थी कि मंत्री साहब का बेटा प्रकाश ‘विधायक’ लिखी कार का इस्तेमाल कैसे कर सकता है? यही सवाल उन्होंने मंत्री जी से भी फोन पर पूछा था। इस विवाद का ऑडियो विडीयो दोनों ही सोशल मीडिया पर धमाकेदार तरीके से वायरल हुआ था। 

सुनीता के पिता करते हैं बेटी की वर्दी का इस्तेमाल, अपनी गाड़ी पर लगा कर घूमते हैं पुलिस का बोर्ड

मगर मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब सुनीता पूरे मामले में अपने बयान दर्ज करवाने गयी थी। दरअसल सुनीता जिस गाड़ी से बयान दर्ज करवाने पहुंची थी, वो उनके पिता जी की थी जिस पर बड़े-बड़े शब्दों वाला पुलिस का स्टिकर लगा हुआ था। अब लोग सवाल पूछ रहे हैं कि मंत्री जी और उनके बेटे को नियम का पाठ पढ़ाने वाली सुनीता यादव खुद आईना क्यों नहीं देखती? क्या पुलिस के लिये नियम कानून नहीं होता ?  

 सिर्फ इतना ही नहीं सुनीता यादव के भूतकाल में जाएं तो हम पाएंगे कि उनका विवादों से गहरा नाता रहा है। कई बार उन्हें अपने आचरण का खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। ऐसा ही एक विवाद उनके कॉलेज के दिनों का है जिसमें उन्हें सस्पेंड तक होना पड़ा था। 

गलत आचरण की वजह से कॉलेज ने भी किया था सस्पेंड

बात उस दौर की है जब वे वराछा स्थित जे.बी. धारुकावाला कॉलेज में एम.ए. इन इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर रही थीं। आज से ढाई वर्ष पहले जब नवंबर में उनकी 3rd सेमेस्टर की परीक्षा ली जा रही थी, तब यूनिवर्सिटी की तरफ से चेकिंग की लिए आई महिला स्कॉड ने उन पर प्रकरण बनाया था। वे अपनी सह परीक्षार्थी के साथ बात करते हुए पकड़ी गई थी। यूनिवर्सिटी आचरण समिति ने इस पर संज्ञान लेते हुए उन्हें गलत आचरण के लिए एक सत्र के लिए  सस्पेंड कर दिया था। 

सुनीता यादव को लोगों की जम कर प्रशंसा मिली है, उन्हें लेडी सिंघम का तमगा भी दिया गया है। यकीनन उन्होंने जो एक्शन लिया वो काबिले तारीफ है, और आज इसीलिए उनके साथ पूरा देश खड़ा है। यह सब होना भी चाहिए, मगर कानून की रक्षा करने वाले रक्षकों को भी नियमों का ध्यान रखना चाहिए। 

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