अध्यात्म

हर‍ियाली तीज के दिन सुहागिनें ना करें ये काम, वरना अगले जन्म बन जाएंगी अजगर-सांप

हरियाली तीज का व्रत हर साल सावन मास में आता है और इस साल ये व्रत 23 जुलाई गुरुवार के दिन आ रहा है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है। इस व्रत को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। ये एक निर्जला व्रत होता है और इस दौरान माता पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। साथ में ही इस दिन मेहंदी भी लगाई जाती है।

पौराणिक कथा के अनुसार हरियाली तीज के दिन ही मां पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी लगाई थी और मेहंदी देख भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए थे। इसलिए इस दिन महिलाएं मेहंदी जरूर लगाती है।

हर‍ियाली तीज के दिन सुहागिनें भूलकर ना करें ये काम –

ये व्रत करना इतना सरल नहीं है। इस व्रत के दौरान अगर महिलाओं से कोई भूल हो जाएं तो अगले जन्‍म में वो अजगर-सांप या फिर अन्‍य वन्‍यजीवों के रुप में जन्म लेती हैं। इसलिए ये व्रत करते हुए खासा सावधानी बरतें और नीचे बताए गई गलतियों करने से बचें।

पति से ना करें लड़ाई

हरियाली तीज के दिन अपने पति से किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। इस दिन पति से लड़ाई करना शुभ नहीं होता है। इसी तरह से इस दिन गुस्सा करने से भी बचें और किसी से भी झगड़ा ना करें। जितना हो सके अपना मन शांत ही रखें।

सोने से बचें

हर‍ियाली तीज के दिन सोने से बचें। दरअसल जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। उन्हें रात को सोने की जगह पार्वती और शिव की पूजा करनी चाहिए। इसलिए आप रात को सोने से बचें और मां पार्वती और शिव जी का पूजन करें।

दूध पीने से बचें

ये एक निर्जला व्रत होती है। लेकिन कई महिलाएं सेहत के कारण निर्जल नहीं रहे पाती है और दूध का सेवन कर लेती हैं। जो कि गलत है। हरियाली तीज के दिन दूध पीना वर्जित माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन दूध का सेवन करती हैं वो अगले जन्म सांप की योनी में जन्म लेती हैं।

खाने से बचें

ये निर्जला व्रत होता है। लेकिन कई महिलाएं इस दिन खाना खा लेती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत के नियमों का पालन ना करने से और भोजन खाने से पाप चढ़ता है। इस दिन जो महिलाएं व्रत रखने के बाद भी खाना खा लेती हैं वो अगले जन्म बंदर बन जाती हैं। इसलिए अगर आप ये व्रत रखें तो भूलकर भी खाना ना खाएं।

इस दिन जरूर करें ये काम

  • हरियाली तीज के दिन सुबह स्नान कर मां पार्वती और शिव की पूजा करें और व्रत रखने का संकल्प लें।
  • इस दिन अपना शृंगार अच्छे से करें और हरे रंग की चूड़ियां जरूर पहनें।
  • ये व्रत सुहागन महिलाएं रखती हैं और इस दिन मेहंदी जरूर लगानी चाहिए।
  • शिव और पार्वती मां की विवाह कथा को जरूर पढ़ें।
  • अगले दिन स्नान कर मां पार्वती और शिव की पूजा करने के बाद ही इस व्रत को तोड़े। साथ में ही पूजा करते समय मां पार्वती से किसी भी प्रकार की भूल अगर व्रत के दौरान हुई हो उसके लिए माफी जरूर मांगे।

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