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एनकाउंटर एक सवाल अनेक : 1 किमी पहले रोका मीडिया को, कुछ देर बाद आई गोलियों की आवाज

कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस वालों की हत्या का जिम्मेदार गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) मारा गया. आज सुबह शुक्रवार को यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) उसे उज्जैन से कानपूर ले जा रही थी. शहर पहुंचने के 17 किलोमीटर पहले ही (करीब सुबह 6:30 बजे) पुलिस की कार पलट गई. विकास इसी गाड़ी में सवार था. हादसे के बाद उसने पुलिस टीम से पिस्टल छिनी और भागने की कोशिश करने लगा. उसने पुलिस पर फायरिंग भी की थी. जवाबी कारवाई करते हुए पुलिस ने भी गोली चला दी. एक गोली विकास के सिने में जबकि दूसरी कमर में जाकर लगी. वो बुरी तरह घायल हो गया. पुलिस उसे अस्पताल ले गई, लेकिन सुबह 7:55 पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

एनकाउंटर स्पॉट के 1KM दूर रोका मीडिया वालों को

विकास को उज्जैन से कानपूर ले जाया जा रहा था. ऐसे में मीडियावाले मध्यप्रदेश से ही विकास दुबे को ले जा रही गाड़ी को फॉलो कर रहे थे. ख़बरों की माने तो विकास का जहां एनकाउंटर हुआ वहां से करीब एक किलोमीटर पहले ही मीडिया की गाड़ियों को रोक दिया गया था. उनकी गाड़ियों को आगे जाने की इजाजत नहीं मिली. हालांकि विकास की गाड़ी और कुछ अन्य गाड़ियां आगे बढ़ती रही.

कुछ ही मिनट बाद आई गोलियों की आवाज

मीडिया वालों को जैसे ही रोका गया, उसके कुछ ही मिनट बाद गोलियां चलने की आवाजें आने लगीं. इन आवाजों के आने के बाद मीडिया वालों की गाड़ियों को जाने की अनुमति मिल गई. बाताया जा रहा है कि मौसम खराब होने की वजह से विकास को ले जा रही गाड़ी पलट गई थी. विकास जिस गाड़ी में बैठा था इसके आसपास कमांडो भी बैठे थे. यूपी एसटीएफ के अफसर इस हादसे के बारे में कुछ और बोलने से फिलहाल बचते नजर आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार इस एनकाउंटर में एसटीफ के 4 जवान भी घायल हुए हैं. विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर के बाद से ही मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेज हो गई.

गौरतलब है कि विकास दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ़्तारी के समय विकास दुबे मीडिया वालो को देख जोर जोर से चिल्ला रहा था ‘मैं विकास दुबे.. कानपूर वाला.’ यहां पुलिस ने उससे करीब दो घंटे पूछताछ की थी. इस बीच लखनऊ में उसकी पत्नी ऋचा और बेटे, नौकर की गिरफ़्तारी की खबर भी आई थी. बता दें कि इसके पहले बुधवार रात को विकास दुबे का करीबी प्रभात मिश्र भी मारा गया था।

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