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कोरोना की दवा पर पतंजलि आयुर्वेद ने मारा यू-टर्न, कहा- कभी नहीं किया कोरोना की दवा बनाने का दाव

पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना की दवा को लेकर अब यू-टर्न ले लिया है और कहा है कि उनकी और से कोरोना की दवा नहीं बनाई गई है। पतंजलि आयुर्वेद ने अपनी कोरोनिल दवा को लेकर कहा है कि उन्होंने कभी भी कोरोना की दवा बनाने का दावा नहीं किया था। दरअसल आयुष मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने दवा बनाने के अपने दावे से यू-टर्न लिया है।

बाबा रामदेव ने किया था दवा बनाने का दावा

23 जून को बाबा रामदेव की और से एक प्रेस वार्ता की गई थी और इस प्रेस वार्ता के दौरान बाबा रामदेव ने ये दावा किया था कि पंतजलि आयुर्वेद ने कोरोना की दवा बना ली है। कोरोना की दवा को बाबा रामदेव ने कोरोनिल नाम भी दिया था और इसकी कीमत 600 रुपए बताई थी।

आयुष मंत्रालय ने जारी किया था नोटिस

बाबा रामदेव ने दवा को लॉन्च करने के दौरान कहा था कि कोरोना मरीजों पर इसका टेस्ट भी किया गया है और इस दवा को खाने से मरीज ठीक हुए हैं। हालांकि इस प्रेस वार्ता के बाद आयुष मंत्रालय ने पंतजलि कंपनी को एक नोटिस जारी किया था। मंत्रालय ने इस दवा के विज्ञापन पर बैन लगा दिया था और दवा से जुड़ी जानकारी कंपनी से मांगी थी। जिसके बाद आयुष मंत्रालय को पंतजलि कंपनी ने दवा से जुड़ी सारी जानकारी दी थी।

लेकिन अब उत्तराखंड के आयुष विभाग की और से भेजे गए एक नोटिस का जवाब देते हुए पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि उन्होंने कभी भी कोरोना की दवा बनाने का दावा नहीं किया था। हां हम ये कह सकते हैं कि हमने ऐसी दवाई बनाई है, जिससे कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं।

पतंजलि आयुर्वेद के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद अब भी अपने दावे और दवा पर कायम है। हमने कभी भी  कोरोना वायरस की दवा बनाने की बात नहीं कही है। गौरतलब है कि इससे पहले आचार्य बालकृष्ण ने ये दावा किया था कि उनकी कंपनी की दवा कोरोना वायरस को सही कर देती है और महज 7 दिनों में कोरोना के मरीज ठीक हो जाते हैं। वहीं आयुष मंत्रालय के आपत्ति करने के बाद अब ये अपने बयान से पूरी तरह से पलट गए है।

दवा बनाने का नहीं लिया लाइसेंस

उत्तराखंड के आयुष विभाग के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद कंपनी की और से इम्यूनिटी बूस्टर बनाने का लाइसेंस लिया गया था। लेकिन इस लाइसेंस पर इन्होंने कोरोना की दवा बनाई है। यानी पतंजलि आयुर्वेद ने इस दवा के लिए कोई लाइसेंस भी नहीं लिया था।

दुनिया की कई सारी कंपनियां कोरोना की दवा बनाने में लगी हुई हैं। लेकिन अभी तक किसी भी कंपनी को कामयाबी हासिल नहीं हुई है। इसी बीच पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाने की बात कही थी और कहा था कि उन्होंने कई सारे शोध करने के बाद ये दवा तैयार की थी। इस दवा को बनाने में केवल आयुर्वेदिक चीजों का ही प्रयोग किया गया है। वहीं आयुष मंत्रालय का कहना है कि उनसे इस दवा को लेकर मंजूरी नहीं ली गई है जिसकी वजह से आयुष मंत्रालय ने ये कदम उठाया है।

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