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चीन के राजदूत ने किया कबूलनामा, कहा- हिंसक झड़प में चीन के सैनिकों की भी हुई है मौत

चीन के राजदूत सुन वेडोंग ने भारत और चीन हिंसक झड़प को लेकर एक बयान दिया है। जिसमें इन्होंने माना है कि 15 जून को हुई हिंसक झड़प में चीन के सैनिकों की भी मौत हुई थी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने हाल ही में भारत में चीन के राजदूत सुन वेडोंग का एक इंटरव्यू लिया था और इस इंटरव्यू के दौरान ही वेडोंग ने ये कबूलनामा किया है।

हमारे सैनिक भी हुए हताहत – वेडोंग

 

इंटरव्यू में वेडोंग ने कहा कि ‘दोनों पक्षों के बीच भयंकर शारीरिक संघर्ष हुआ था और इसमें हमारे सैनिक भी हताहत हुए हैं। हालांकि इस हिंसक झड़प में कितने चीनी सैनिक मारे गए हैं। इसके बारे में वेडोंग ने कुछ नहीं बताया।

मारे गए हैं 40 से अधिक सैनिक

15 जून को भारत और चीन के बीच हुई ये हिंसक झड़प गलवान घाटी में हुई थी और इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे। जबकि कई सारे सैनिक घायल भी हुए थे। वहीं भारत सेना का ये दावा था कि इस हिंसक झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है और उसके कई सारे सैनिक मारे गए हैं। एक अनुमान के तहत ये कहा गया था कि इस हिंसक झड़प में चीन के कम से कम 40 सैनिकों की मौत हुई है। इसके अलावा अमेरिकी इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट ने भी ये दावा किया था कि इस हिंसक झड़प में चीन के काफी सैनिक मारे गए हैं।

चीन हमेशा छुपाता है मारे गए सैनिकों का आंकड़ा

चीन सरकार हमेशा से ही अपने मारे गए सैनिकों का आंकड़ा छुपाती है। चीन कभी भी इस बात का खुलासा नहीं करता है कि युद्ध में उसके कितने सैनिक मारे गए हैं। साल 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध में कितने चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। इसकी जानकारी चीन ने साल 1990 के बाद दी थी।

चीन के सरकारी अखबार ने दी श्रद्धांजलि

कुछ दिन पहले ही चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जीजीन ने पीएलए अधिकारियों और सैनिकों को श्रद्धांजलि दी थी और अखबार में छापा था कि  ‘मेरा मानना ​​है कि मृतकों का सेना में सर्वोच्च सम्मान के साथ व्यवहार किया गया है और सही समय पर इसकी सूचना समाज को दी जाएगी। ताकि नायकों को सम्मानित किया जा सकेय़ साथ ही उन्हें याद किया जा सके।’

भारत सरकार की और से दी गई थी अपने सैनिको को श्रद्धांजलि

लद्दाख में हुई भारत-चीन हिंसक झड़प में शहीद हुए सभी भारतीय जवानों को भारत सरकार द्वारा श्रद्धांजलि दी गई थी और उनको सम्मान के साथ विदा किया गया था। इसके अलावा सभी शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालों को आर्थिक मदद देने का ऐलान भी सरकार ने किया है। वहीं दूसरी तरफ चीन की सरकार अपने सैनिकों की संख्या व उनके नाम तक बताने से डर रही है। इतना ही नहीं अभी कर चीन की और से अपने शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी गई है।

गौरतलब है कि गलवान घाटी में ये हिंसक झड़प हुई थी और इस झड़प की शुरूआत चीन के सैनिकों ने की थी। जिसका मुंहतोड़ जवाब भारतीय जवानों ने दिया था।

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