स्वास्थ्य

बाबा रामदेव ने करोनिल के नाम से किया कोरोना की दवा बनाने का दावा, दवाई की कीमत 600 रुपए

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच बाबा रामदेव की और से राहत की खबर आई है। बाबा रामदेव का दावा है कि इन्होंने कोरोना की दवाई को खोज लिया है और इस दवाई पर किए गए सभी परीक्षण भी सफल रहे हैं। इतना ही नहीं पंतजलि कंपनी की और से आज इस दवाई का ऐलान भी कर दिया गया है। जिसके बाद ये दवा बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। पंतजलि कंपनी का दावा है कि उनके द्वारा बनाई गई दवाई से कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार इस आयुर्वेदिक दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। जिसमें पाया गया कि दवा कोरोना के मरीजों को सही करने में कारगर है।

आज की दवा लॉन्च

सभी तरह के ट्रायल होने के बाद आज योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा को पूर्ण वैज्ञानिक विवरण के साथ लॉन्च किया है। इस दवा कोरोनिल टैबलैट नाम दिया गया है। इस दवाई को केवल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है। जनवरी के महीने में जब चीन में कोरोना वायरस फैल रहा था। उस समय इस दवाई को बनाने का काम शुरू किया गया था। वहीं अब ये दवा बनकर तैयार है और बाजार में उपलब्ध होने जा रही है। इस दवाई की कीमत 600 रुपए तय की गई है।

अगले एक हफ्ते में हो जाएगी उपलब्ध

प्रेस कॉन्फ्रेंस में योग गुरु रामदेव ने कहा कि इस दवाई को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है। इस दवाई को मुलैठी के काढ़ा, गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का इस्तेमाल कर बनाया गया है। ये दवा सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलने लग जाएगी। वहीं सोमवार को एक ऐप लॉन्च की जाएगी। जिसकी मदद से  घर पर ये दवाई पहुंचाई जाएगी।

3 दिन में सही हुए रोगी

बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये भी बताया कि 100 लोगों पर क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल की स्टडी की गई। 3 दिन के अंदर 69 फीसदी रोगी रिकवर हो गए और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव हो गई। वहीं सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी रिकवर हो गए। इस दवा को बनाने के लिए शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI) और हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS), जयपुर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

वेदों की मदद से की तैयार

वहीं आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक करीब 80 फीसदी मरीजों में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं और इस दवा से एक हजार से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार करने के लिए शास्त्रों और वेदों की मदद ली गई है और उनको पढ़कर विज्ञान के फॉर्मूले में ढाला गया है। जिसके परिणाम स्वरूप इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार किया जा सका है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और भारत में भी कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोना के मरीजों आंकड़ा 4 लाख के पार पहुंच गए हैं। ऐसे में अगर बाबा रामदेव द्वारा लाई जा रही ये दवा कारगर साबित होती है तो ये बड़ी राहत की बात होगी।

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