बॉलीवुड

ये हस्तियां हैं नेपोटिज्म जीती जागती मिसाल, सुशांत की मौत के बाद यूं ही नहीं हुआ नेपोटिज्म पर हंगामा

सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के बाद कई फैंस और यहां तक की बॉलीवुड स्टार भी बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म को सुशांत की मौत का कारण बता रहे हैं। अभी तक रवीना टंडन, कंगना रनौत, अभिनव कश्यप, साहिल खान जैसे कई स्टार्स नेपोटिज्म को लेकर अपनी राय दे चुके हैं। इनमें से कुछ लोगों ने तो स्पष्ट रूप से नेपोटिज्म के लिए सलमान खान और करण जौहर को जिम्मेदार बताया है। ये बात तो सच है कि बॉलीवुड में कुछ खास परिवारों का दबदबा पहले से रहा है। आइये जानते हैं, ऐसे ही खास खानदानों के बारे में…

खान परिवार

सलीम खान भले ही इस समय स्क्रिप्ट राइटर के नाम से जाने जाते हैं, मगर उन्होंने 1960 मेंं बतौर एक्टर फिल्म ‘बारात’ से बॉलीवुड में अपना कदम रखा था। 14 फिल्मों में एक्टिंग करने के बाद वो स्क्रिप्ट राइटिंग की दुनिया में चले गए।

कपूर खानदान

कपूर खानदान की शुरूआत पृथ्वीराज कपूर से मानी जाती है। इन्हीं के नाम पर ही पृथ्वी थिएटर बना था। बाद में इस थिएटर को उनके बेटों राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर ने आगे बढ़ाया।

अनिल कपूर के पिता सुरिंदर कपूर एक प्रोड्यूसर के तौर पर बॉलीवुड में एंट्री की थी। उन्होंने साल 1972 में उन्होंने पहली बार शहजादा फिल्म प्रोड्यूस किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई बॉलीवुड फिल्मों को प्रोड्यूसर बने।

60 के दशक के जाने माने एक्टर जितेन्द्र की पहली फिल्म नवरंग थी। मगर उन्हें बॉलीवुड में पहचान तब मिली, जब साल 1964 में उनकी फिल्म गीत गाया पत्थरों ने रिलीज हुई। आज उनकी बेटी एकता कपूर और बेटा तुषार कपूर बॉलीवुड में एक्टिव हैं।

खान परिवार

आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन एक प्रोड्यूसर थे। उनकी पहली प्रोड्यूसिंग फिल्म कारवां थी, जो साल 1971 में रिलीज हई थी। इसके बाद उन्होंने बतौर प्रोड्यूसर कई फिल्में बनाईं। प्रोड्यूसिंग के अलावा उन्होंने 3 फिल्मों में अपने एक्टिंग का दम भी दिखाया है।

बॉलीवुड में देओल फैमिली धर्मेन्द्र से शुरू होती है। धर्मेन्द्र ने लगभग 6 दशक तक बॉलीवुड में काम किया है। 84 वर्षीय धर्मन्द्र अब फिल्मों से दूर हैं, मगर उनका पूरा परिवार बॉलीवुड में एक्टिव है। मसलन, सनी देओल, बॉबी देओल, ईशा देओल, अभय देओल आदि। धर्मेंन्द्र ने साल 1960 में फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से  बॉलीवुड में डेब्यू किया था।

शोभना समर्थ के बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे। बता दें कि काजोल की नानी शोभना समर्थ ने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत 40 के दशक में शुरू की थी। उनकी दो बेटियां नूतन और तनुजा ने भी कई फिल्मों में काम किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल, शोभना समर्थ की छोटी बेटी तनुजा की पुत्री हैं।

60 के दशक के सुपरस्टार राजेश खन्ना की पहली फिल्म ‘आखिरी खत’ थी। यह फिल्म साल 1966 में रिलीज हुई थी। हालांकि उन्हें साल 1969 में आई फिल्म अराधना से सही पहचान मिली। इस फिल्म में उनके एक्टिंग की खूब तारीफ हुई।

चोपड़ा परिवार

यश चोपड़ा और उनके भाई बीआर चोपड़ा ने कई शानदार और यादगार फिल्मों का निर्माण किया। जिनमें धूल के फूल, दाग, सिलसिला, चांदनी, लम्हें, डर, दिल तो पागल है, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, वीर जारा जैसे कई फिल्में सामिल हैँ। वहीं यश के भाई बीआर चोपड़ा ने टीवी धारावाहिक महाभारत भी बनाया।

डेविड धवन ने एक डायरेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी। डेविड धवन निर्देशित पहली फिल्म ताकतवर थी। उनकी आखिरी फिल्म वरूण धवन और सारा अली खान स्टारर फिल्म कुली नंबर 1 है।

सैफ अली खान की मां शर्मिला टैगोर ने 60 के दशक में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। उन्होंने बंगाली फिल्म से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। याद दिला दें कि उनकी पहली हिंदी फिल्म साल 1964 में आई थी, जिसका नाम कश्मीर की कली है। यह फिल्म काफी पसंद की गई थी।

रोशन परिवार

बॉलीवुड इंडस्ट्री में रोशन खानदान की शुरूआत रोशन लाल नागरथ से हुई। वे एक म्यूजिक कम्पोजर थे। उन्होंने 50 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में बतौर म्यूजिक कंपोजर एंट्री की थी। रोशन लाल नागरथ ने बावरे, नैन, मल्हार, अनहोनी, चांदनी चौक, बरसात की रात, दिल ही तो है, चित्रलेखा और बहू बेगम जैसी कई मशहूर फिल्मों को अपने म्यूजिक से खूबसूरत बनाया है।

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