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इस डर के कारण चीन ने साधी है चुप्पी, छुपा रहा है गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों का आंकड़ा

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। भारतीय सेना की और से शहीद हुए जवानों की पूरी जानकारी दी गई है। हालांकि भारत ने जहां सैनिकों की मौत का आंकड़ा जारी कर दिया है। वहीं चीन ये बताने से बच रहा है कि उसकी सेना के कितने जवान इस हिंसक हड़प में मारे गए हैं। चीन की और से जारी किए बयान में कहा गया है कि वो तनाव को भड़काना नहीं चाहता है, इसलिए हताहतों की संख्‍या को जारी नहीं कर रहा है। लेकिन चीन किसी और वजह से सेैनिकों की मौत का आंकड़ा छुपा रहा है।

अमेरिका के डर से चीन है चुप

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन और अमेरिका के बीच एक अहम बैठक होनी थी। इस बैठक के चलते चीन ने  चुप रहना सही समझा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिची की ये बैठक बुधवार को होनी थी। चीन नहीं चाहता था कि इस बैठक में भारत के साथ संघर्ष का मुद्दा उठाया जाए। आपको बता दें कि यांग ही भारत के साथ सीमा व‍िवाद पर कई दौर की बातचीत कर चुके हैं।

हालांकि चीन ने ये पुष्टि तो कर दी है कि इस हिंसक झड़प में उनके सेैनिक भी मारे गए हैं। चीन के सेना के प्रवक्‍ता झांग शुइली का कहना है कि झड़प में दोनों ही पक्षों के लोग मारे गए हैं। लेकिन प्रवक्ता ने अपने सैनिकों की संख्‍या नहीं बताई है।

शी जिनपिंग के आदेश पर सेना है चुप

शी जिनफ‍िंग चीन सेना के प्रमुख हैं और उनके कहने पर ही चीन की सेना मरे हुए सैनिकों का आंकड़ा छुपा रही है। पीएलए के एक सोर्स के अनुसार सैनिकों की मौत को लेकर चीन ‘बेहद संवेदनशील’ है और सैनिकों की मौत के आंकड़े को चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश पर ही बताया जाएगा।

अमेरिका ने रखी है अपनी नजर

भारत और चीन के सीमा विवाद पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की नजर बनीं हुई है। वहीं हिंसक झड़प के बाद संयुक्त राष्ट्र ने भारत और चीन से शांतिपूर्ण समाधान की बात कही थी। अमेरिका ने भी दोनों देशों से शांतिपूर्ण रहने को कहा है।

अमेरिका ने कहा है कि भारत और चीन दोनों ने पीछे हटने की इच्छा जाहिर की थी और हम मौजूदा हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के हालात को मॉनिटर कर रहे हैं। हमें पता चला है कि भारतीय सेना ने अपने 20 जवान शहीद होने का ऐलान किया है। हम उनके परिवारों को सांत्वना देते हैं।

अमेरिका को चीन ने माना दोषी

चीन ने भारत के साथ हुई हिंसक झड़प के लिए अमेरिका को दोषी माना है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत की सीमा पर इस विवाद के पीछे अमेरिका का हाथ है।

दोबारा हरा सकते हैं भारत को

चीन के एक सैन्‍य विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग ने एक बयान देते हुए कहा है कि चीन ने हाल ही में पहाड़ों के ऊपर एक युद्धाभ्‍यास कर भारत को चेतावनी दी थी। भारतीय सेना कहती हैं कि वे चीन के आक्रामक व्यवहार सहन नहीं करेगी। भारत की सेना 1962 की सेना नहीं हैं। लेकिन भारत को ये नहीं भूलना चाहिए कि चीन की सेना भी 1962 की सेना नहीं है। चीन ने उस समय हराया था और वो दोबारा भी ऐसा कर सकती है।

लेकिन सच तो यह है की भारतीय सैनिकों ने इस बार चीनी बौनों को पटक पटक कर मारा है

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