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पूरी तरह से अलर्ट पर है भारतीय सेना, चीन को इस योजना के तहत चारो तरफ से घेर रहा है भारत

गलवान घाटी में चीन के साथ 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है और सेना को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश सरकार की और से दिए गए हैं। थल सेना के अलावा जल और वायुसेना को भी पूरी तरह से अलर्ट पर रखा गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की हुई बैठक के दौरान सेना को अलर्ट में रखने का फैसला लिया गया है।

सैनिकों को दिए वापस आने के आदेश

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जो-जो सैनिक छुट्टियों पर अपने घर गए थे उन सभी को वापस आने का निर्देश सेना की और से दिया गया है। दरअसल जो सैनिक छुट्टी पर गए थे। उन्हें कोरोना के कारण वापस ना आने को कहा गया था। लेकिन सीमा में बढ़ते विवाद को देखते हुए अब इन सैनिकों को वापस बुला लिया गया है और उन्हें अपने घर की पास की यूनिट में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।

हर सीमा पर किया सेना को अलर्ट

भारत चीन के साथ 3500 किलोमीटर सीमा साझा करता है और ऐसे में भारत ने चीन के साथ लगने वाली हर सीमा पर सैनिकों को अलर्ट रहने को कहा है। इसके अलावा बड़ी संख्या में सेना के ट्रक लद्दाख की ओर भी भेजे गए हैं।

लद्दाख में तेजी से हो रहा है सड़क निर्माण कार्य

लद्दाख में भारत की और से जो सड़क निर्माण किया जा रहा है, उसकी रफ्तार को और बढ़ा दिया गया है। ताकि ये निर्माण जल्द पूरा हो सके। आपको बात दें कि भारत की और से किए जा रहे इस सड़क निर्माण से चीन देश को दिक्कत है और इसी निर्माण के कारण चीन ने गलवान घाटी में तनाव पैदा किया है। दरअसल  इस सड़क की मदद से भारत सेना को बॉर्डर तक जाने में आसान हो जाएगा। जिससे चीन को परेशानी हो रही है और चीन नहीं चाहता है कि भारत ये सड़क को पूरा करे। लेकिन भारत ने अब इस सड़क निर्माण में और तेजी कर दी है और इसके लिए करीब 1500 मज़दूरों को लद्दाख के लिए रवाना भी किया जा चुका है। कहा जा रहा है कि लॉकडाउन के वक्त कुछ मज़दूर वापस आ गए थे। लेकिन अब इन्हें वापस कार्य पर भेज दिया गया है।

20 जवान हुए थे शहीद

लद्दाख के पास गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था। जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस संघर्ष के बाद दोनों देशों की सेना की और से बैठक भी की जा रही है। ताकि इस मसले को हल कर लिया जाए। लेकिन ये बैठक सफल नहीं हो पा रही है और तनाव कम होने की जगह और बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं चीन देश इस संघर्ष के लिए भारत को दोषी बता रहा है। हालांकि भारतीय सेना साफ कर चुकी है कि चीन की और से ही हिंसक झड़प की शुरूआत की गई थी और इसका जवाब भारत की सेना ने दिया था।

आपको बता दें कि चीन के सैनिकों ने पत्थर, लोहे की रॉड और कील लगे हथियार से भारतीय सेना पर हमला किया था। जिसके पलटवार में भारतीय सेना ने भी चीनी सैनिकों पर हमला किया। हालांकि इस हमले में चीन के कितने सैनिक मारे गए हैं। चीन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस हमले में चीन के 40 के करीब सैनिक मारे गए हैं।

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