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लॉकडाउन के बीच तेज गति से झारखंड में चला धर्म परिवर्तन का खेल, जानें क्या है पूरा मामला

झारखंड में धर्मातंरण विरोधी अधिनियम लागू तो हुआ है लेकिन कौन पूछता है

देश में कोरोना संकट कम होने का नाम ही नहीं ले रहा और बहुत से राज्य इससे प्रभावित हैं। इसमें दिल्ली, महाराष्ट्रा, तमिलानाडु, उत्तर प्रदेश के अलावा और भी बहुत से राज्य हैं जो कोरोना के कहर को झेल रहे हैं। झारखंड भी कोरोना की चपेट में हैं, लेकिन यहां लॉकडाउन के बीच एक अलग किस्म की जालसाजी की जा रही है। लॉकडाउन के बीच जब समाज का एक वर्ग जरुरतमंदों के लिए आगे आ रहा था तो वहीं ईसाई मिशनिरियां इस मुश्किल के समय में धर्मांतरण के खेल में लगी हुई थीं। इसके विरोध में  15 जून को विश्व हिंदू परिषद ने पूरे राज्य में अपने घरों से ऑनलाइन प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

घर से करेंगे ऑनलाइन प्रदर्शन

बता दें कि लॉकडाउन के वक्त गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग जैसे जिलों में धर्मांतरण का खेल चला था। इसकी जानकारी होने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इसके विरोध में अपने स्वर तेज किए हैं। परिषद का कहना है कि झारखंड में धर्मातंरण विरोधी अधिनियम लागू तो हुआ है लेकिन हाल के दिनों में इसे सख्ती से माना नहीं किया जा रहा है।

बता दें कि इस नियम के अनुसार जिसे भी अपना धर्म बदलना है उसे पहले प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है। साथ ही बताना पड़ता है कि कौन लोग धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं और इसकी वजह क्या है। वहीं झारखंड में इन नियमों को ताक पर रखकर बिना इजाजत के धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है और जिला प्रशासन तक ये मामला पहुंच ही नहीं रहा।

बिना इजाजत करवा रहे धर्म परिवर्तन

इस मामले पर विहिप के झारखंड-बिहार के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू और क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल ने कहा कि राज्य में जगह-जगह इस काम के लिए चर्च के एजेंट, नन और पास्टर लगे हुए हैं। 2017 में धर्मांतरण विरोधी कानून बनने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी इस खेल को रोक नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार धर्मांतरण का प्रपंच रचने वाले लोगों पर कार्रवाई नहीं करती तो फिर विहिप व जनजातीय समाज बड़ा आंदोलन करेगी।

केशव राजू ने बताया कि लॉकडाउन के चलते लोग ज्यादा इसके झांसे में आ गए। उन्होंने बताया कि कोडरमा के डोमचाच, चंदवारा, जयनगर व गिरीडीह के तीसरी व पीरटांड प्रमुख लातेहार के गांवों में चर्च के एजेंट सत्संग के नाम पर हिंदुओं को इक्ट्ठा कर लेते हैं। इसके बाद यहां हिंदू धर्म के प्रति लोगों को भड़काने का काम किया जाता है। इनमे ऐसे ही लोगों को चिह्नित किया जाता है जो उनकी बातों का समर्थन करते हैं।इसके बाद इन लोगों का ब्रेनवाश किया जाता है और धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है। इतना ही नहीं पैसे की लालच में बहुत से हिंदू भी इन ईसाई मिशनरियों की मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलने इस मुद्दे पर कोई ध्यान देने वाला नहीं था जिसका इन लोगों ने फायदा उठाया है।

प्रशासन से करेंगे कार्रवाई की मांग

विहिप के अनुसार लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में कुल 14 पंचायत हैं जिनके अंतर्गत 106 गांव है ये सभी ईसाई बहुल क्षेत्र बन चुके है। इसी तरह पलामू के रजहरा, नवाबाजार, चान्या, सुकबेरा, कर्मा, केराई आदि गांवों में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। लॉकडाउन के दौरान गुमला के करौंदी, करमटोली, वृंदा, जोराग, डीबडीह और लोहररदगा के घाघरा, ताबील, जिलिंगसिरा, अरगी, टोटांबी, नवडीहा जैसे कई गांव में धर्म परिवर्तन का प्रपंच जारी है। यहां के लोगों ने चर्च जाना भी शुरु कर दिया है।

विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू का दावा है कि गिरिडीह में तीसरी प्रखंड के मनोज टुडू और सामेल मुर्मू व पीरटांड़ प्रखंड में पोल टुडू और बेंजामिन सोरेन धर्मातंरण का कार्य करवा रहे हैं। उसी तरह लातेहार में विनोद उरावं खुद ईसाई बनने के बाद इस काम में मिशनरियों को आर्थिक सहायता भी दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के सभी जिलो में धर्मांतरण के काम में लगो लोगों और लालच में धर्म बदलने वाले लोगों का डाटा कलेक्शन अंतिम चरण में हैं और बहुत जल्द ही ये लिस्ट प्रशासन को सौंप कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।

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