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कांग्रेस नेता ने ‘आत्मनिर्भर’ को लेकर फैलाया झूठ, शेयर की 3 साल पुरानी फोटो- देखें

कोरोना वैश्विक महामारी ने हमें न सिर्फ तेजी से फैलने वाली बीमारी दी, बल्कि इस बीमारी ने हमें कई नए शब्दों से भी रूबरू कराया। मसलन लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, डिस-इन्फेक्ट जैसे कई शब्द दिए। इन सभी शब्दों के अलावा पीएम मोदी ने एक शब्द दिया, जो आत्मनिर्भर है। हालांकि अब यह शब्द सोशल मीडिया पर मीम मैटेरियल बन चुका है। आत्मनिर्भर शब्द से जुड़े कई मीम और जोक्स आजकल सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ट नेता शशि थरूर ने 11 जून को आत्मनिर्भर शब्द पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया। आइये जानते हैं, क्या है आखिर पूरा मामला…

दरअसल, शशि थरूर ने 11 जून को 4 लाइन की कविता लिखकर आत्मनिर्भर शब्द पर तंज कसा। इस ट्वीट में कांग्रेस नेता ने एक तस्वीर शेयर की, जिसमें एक महिला एक बच्चे को लेकर बैठी हुई है और दूसरी महिला ड्रिप वाली बोतल लेकर हवा में लटकाए खड़ी है। इसी तस्वीर के साथ शशि थरूर ने कैप्शन में लिखा-

हर विपदा से लड़ने की,
हम में बड़ी महारत है
ये आत्मनिर्भर भारत है
ये #आत्मनिर्भर भारत है!


सोशल मीडिया पर शशि थरूर का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसे कोरोना संकट और लॉकडाउन में होने वाली परेशानियों के सन्दर्भ में लिया जाने लगा। बता दें कि मार्च के महीने में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तो देशभर से प्रवासी मजदूरों और गरीबों की कई ऐसी दर्दनाक तस्वीरें आईं थीं। इन तस्वीरों में प्रवासी मजदूर भूख-प्यास से बेहाल सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे थे। वहीं कई मजदूरों की तो भूख से मौत भी हो गई। इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है और फिर शशि थरूर की ये फोटो लोगों को भ्रम में डाल रही है कि ये तस्वीर लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की है।

कांग्रेसी नेता इमरान प्रतापगढ़ी भी कर चुके हैं शेयर

गौरतलब हो कि शशि थरूर से पहले इस फोटो को कांग्रेसी नेता इमरान प्रतापगढ़ी भी ट्वीट कर चुके थे। उन्होंने भी इस तस्वीर के साथ आत्मनिर्भर का कैप्शन लगाकर ट्वीट किया था। तस्वीर ट्वीट होने के बाद लाखों की संख्या में लाइक और कमेंट मिले।

क्या है तस्वीर की असलियत?

आपको बता दें कि ये तस्वीर अभी की नहीं, बल्कि साल 2017 की है। ये तस्वीर साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कवरेज के दौरान द लल्नटॉप के जर्नलिस्ट अमितेष ने खींची थी। हालांकि जर्नलिस्ट ने इस फोटो को उस समय कहीं यूज नहीं किया था और 2 साल बाद 2019 में इस फोटो को अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर डाला। अब इस फोटो को कांग्रेसी नेता गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।

 

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चूंकि ये फोटो कई लोगों ने डाल दी है। इसलिए ये बताना जरूरी है। ये तस्वीर 2017 की है। उत्तर प्रदेश विधानभा चुनाव के दौरान की। तस्वीर मिर्ज़ापुर की है। तस्वीर 5:24 शाम की है। . . . . #streetphoto #magnumphotos #streetlife #streetportrait #documentary #lensculturestreets #urbanphotography #everydayasia #streetphotographer #HypeBeast #vscoportrait #ig_mood #discoverportrait #portraitphotography #profile_vision #bleachmyfilm #postmoreportraits #portraitpage #igpodium_portraits #portraiture #incredibleindia #photographers_of_india #indiagram #storiesofindia #indiaclicks #canonphotos #canoneos #canonrebel #canonphotographer #focalmarked

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लोगों को भ्रम में डाल रहे हैं कांग्रेसी नेता

ये तस्वीर खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का एक बड़ा सबूत है। साथ ही तस्वीर स्वास्थ्य व्यवस्था की संवेदनहीनता का भी उदाहरण है। जरूर कई दफा सांकेतिक तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाता है और इस तस्वीर का लॉकडाउन के दौरान हुई बदइंतजामी और लोगों को हुई परेशानी के संदर्भ में भी प्रयोग किया जाना लाजमी है,  मगर इस फोटो को आत्मनिर्भर शब्द के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जाना, लोगों को भ्रम की स्थिति में डालने के समान है।

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