अध्यात्म

तिरुपति बाला जी मंदिर से जुड़े यह हैं 10 रोचक तथ्य, जिसे बहुत कम लोग ही जानते हैं

80 दिनों तक बंद रहने के बाद तिरुपति तिरुमला बालाजी मंदिर के कपाट 11 जून से खोल दिए गए हैं। लॉकडाउन के कारण करीब तीन महीनों से ये मंदिर बंद था। वहीं अब ये मंदिर दोबारा से खुल गया है। इस मंदिर को भारत का सबसे धनी मंदिर कहा जाता है और आज हम आपको इस मंदिर से जुड़ी 10 खास बाते बताने जा रहे हैं।

1. विष्णु जी का है मंदिर

तिरुपति तिरुमला बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर बालाजी की पूजा की जाती है जो कि विष्णु जी का रुप माने जाते हैं। ये मंदिर सुबह पांच बजे खुल जाता है और रात 09 बजे बंद होता है। मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह के 06.30 से शाम 07.30 बजे तक का है। ये मंदिर तिरुपति रेलवे स्टेशन से 22 किमी दूर पर है और तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित है।

2. राजा श्रीकृष्णदेवराय के साम्राज्य में था ये मंदिर

इतिहास के अनुसार ये मंदिर अंग्रेजों के आने से पहले राजा श्रीकृष्णदेवराय के साम्राज्य में आता था। लेकिन अंग्रेज जब भारत आए तो उन्होंने प्रशासनिक तौर पर राज्यों का गठन किया और तब ये मंदिर मद्रास प्रेसीडेंसी में चले गया। वहीं स्वतंत्रता के बाद ये प्रसिद्ध आंध्र प्रदेश में आ गया।

3. सात पहाड़ियों पर बसा है

बाला जी का ये मंदिर कई सारी पहाड़ियों पर फैला हुआ है। मान्यता के अनुसार प्रभु वेंकटेश्वर या बालाजी ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था जो कि तिरुमाला के पास स्थित है।

4. बेहद पुराना है ये मंदिर

बाला जी का ये मंदिर काफी पुराना है। हालांकि तिरुपति तिरुमला बालाजी मंदिर को कब बनाया गया था, इसको लेकर काफी मतभेद है। कुछ इतिहास कारों के अनुसार ये मंदिर 5वीं शताब्दी के दौरान बना था। जबकि कुछ इतिहास कारों के अनुसार 9वीं शताब्दी में कांचीपुरम के पल्लव शासकों ने इस मंदिर पर अधिकार स्थापित किया था।

5.तिरुपति तिरुमला देवस्थानम ट्रस्ट संचालित करता है मंदिर

इस मंदिर को साल 1933 से तिरुपति तिरुमला देवस्थानम ट्रस्ट संचालित कर रहा है। इस मंदिर की हर गतिविधियां इसी ट्रस्ट की और से देखी जाती हैं।

6. रोज चढ़ता है करोड़ों रुपए का धन

मंदिर में रोज करोड़ों रुपए लोगों द्वारा चढ़ाए जाते हैं। इस मंदिर के हुंडियां और दान पात्र को रोज खोला जाता है और उनमें से प्रचुर मात्रा में नोट और आभूषण निकलते हैं। एक महीने में इस मंदिर के ट्रस्ट को दान में कई सौ करोड़ मिलते हैं। वहीं इन पासों का प्रयोग मंदिर प्रशासन स्टाफ के वेतन और अग्रिम योजनाओं पर खर्च करता है।

7. प्रसाद के तौर पर मिलते हैं लड्डू

भगवान वेंकटेश्वर बाला जी के दर्शन करने के बाद प्रसाद के तौर पर लड्डू दिए जाते हैं। परिसर के पास ही लड्डू वितरण केंद्र है। जो कि लड्डू देता है। एक लडडू काफी बड़ा होता है और करीब 200 ग्राम के आसपास का होता है। लड्डू वितरण के यहां पर 50 काउंटर बनाए गए हैं।

8. रोज खिलाया जाता है खाना

भगवान बाला जी मंदिर में आने वाले लोगों के भोजन का इंतजाम भी किया जाता है और मंदिर के पास ही अन्न प्रसादम है। जहां पर हजारों श्रद्धालुओं को खाना दिया जाता है। इस जगह पर आठ बड़े हॉल हैं,जो कि सदा भरे रहते हैं। ये खाना मुफ्त में दिया जाता है।

9. दर्शन करने के लिए आते हैं लाखों लोग

मंदिर में हर रोज 50,000 से एक लाख लोग रोज दर्शन के लिए आया करते है। हालांकि कोरोना वायरस के चलते अब दिन में केवल 6 हजार लोगों को ही दर्शन करने की अनुमति दी जानी है।

10. करते हैं केश दान

मंदिर में आने वाले भक्त यहां पर अपने केश दान करते हैं। ऐसा कहा जाता है प्रभु को अपने केश समर्पित करने का अर्थ
अपना घमंड ईश्वर को समर्पित करना होता है।

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