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पाकिस्‍तान में ध्वस्त किए गए 25 हिंदुओं के घर, धर्म परिवर्तन करने पर हुए मजबूर

पाकिस्तान में धार्मिक के आधार पर लोगों को निशाना बनाए जाने वाली घटनाएं और बढ़ती जा रही हैं और अब इस देश में लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के घरों को बुरी तरह से ध्वस्त किया गया है। जिसपर भारत ने मंगलवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त के समक्ष कड़ी आपत्ति जाहिर की है। भारत की ओर से पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग से कहा गया है कि पाकिस्‍तान की सरकार इस पर कार्रवाई करे। अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा, उनके अधिकारों और उनकी स्‍वतंत्रता को समुचित सम्‍मान व संरक्षण दे।

तोड़े गए 25 घर

खबरों के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के घरों को बुरी तरह से तोड़ा गया है। इस घटने के बाद से पाकिस्तान देश की निंदा की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस देश में 25 घरों को पूरी तरह और 10 अन्य को आंशिक रूप से ध्वस्त किया गया है। पाकिस्‍तान में रह रहे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय द्वारा अपना पहचान-पत्र, घर के मालिकाना हक के कागजात दिखाए जाने के बाद भी उनके घरों को निशाना बनाया गया है और घर को ध्‍वस्‍त किया गया। एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी मिशन के बाद पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने पाया कि यजमन में स्थानीय अधिकारी चक 52/डीबी में हिंदू समुदाय के घरों को ध्वस्त करने के लिए जिम्मेदार थे। इस पूरी घटना में सरकारी अधिकारी भी मिले हुए हैं और वो अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बना रहे है। वहीं इस मामले पर भारत में सिविल सोसायटी ने गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त किया है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों ने किया धर्म परिवर्तन

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों से लोग इस तरह से डरे हुए हैं कि अपना धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर हो गए हैं। हाल ही में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो ईसाई भाइयों का धर्म परिवर्तन किया गया था। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सत्तार युसूफ मसीह और वारिस युसूफ मसीह नाम के दोनों भाइयों ने शनिवार को इस्लाम धर्म कुबूल किया है। धर्म परिवर्तन के बाद इनका नाम अब्दुल वारिस और अब्दुल सत्तार रखा गया है। कहा जा रहा है कि दोनों ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। हालांकि सच ये है कि कट्टरपंथी ताकतों के इशारों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग को अपना धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर किया जाता हैं।

इस देश में हिंदू व ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जबरन इस्लाम कुबूल कराने के मामले रोज आते हैं। यहां पर इन समुदायों की लड़कियों को अगवा किया जाता है और उसके बाद उनका जबरन निकाह करा दिया जाता है।

यूएन ने भी माना अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हो रहा है अत्याचार

संयुक्त राष्ट्र  (यूएन) ने भी ये बात मानी है कि पाकिस्तान देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर अत्याचार किए जाते हैं और पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब हो रही है। हालांकि पाकिस्तान सरकार हमेशा इस बाद को खारिज कर देती है। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि उनके यहां पर किसी भी समुदाय के लोगों पर अत्याचार नहीं किया जा रहा है।

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