अध्यात्म

भूलकर भी अधूरा न छोड़े ये 4 काम, वरना ज़िंदगी भर पड़ेगा पछताना

गरूड़ पुराण के बारे में, तो आप सभी जानते ही होंगे। इस पुराण में स्वर्ग, नर्क, पाप, पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है। इसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम, धर्म की तमाम बाते हैं। गरूड़ पुराण में एक तरफ जहां मौत का रहस्य छिपा है, वहीं दूसरी तरफ जीवन के भी कई गूढ़ रहस्य इसमें छिपे हुए हैं। गरूड़ पुराण में न सिर्फ मौत के बाद की स्थितियों के बारे में बताया गया है बल्कि कई ज्ञान की बातें भी बतलाई गई हैं।ऐसे में हर व्यक्ति को इस पुराण से एक न एक बार रूबरू जरूर होना चाहिए।

बता दें कि गरूड़ पुराण को हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक पुराण माना जाता है। इसमें 4 ऐसे कार्यों का वर्णन किया गया है, जिन्हें अधूरा छोड़ना किसी भी इंसान के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइये जानते हैं, आखिर ये 4 काम कौन कौन से हैं? जिन्हें बीच में नहीं छोड़ना चाहिए…

कर्ज चुकाना

कर्ज किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत घातक सिद्ध होता है। गरूड़ पुराण के अनुसार अगर कर्ज लिए बगैर काम चल जाए, तो कर्ज लेने से परहेज करना चाहिए। साथ ही पुराण में ये भी कहा गया है कि, ऋण तभी लें जब उसे चुका पाने की हिम्मत हो। इसके अनुसार ऋण या उधार लिया गया पैसा किसी भी स्थिति में चुका देना चाहिए। उधार अगर नहीं चुकाएंगे, तो आपके रिश्ते में भी दरार आ सकती है।

बीमारी का इलाज

अगर कोई व्यक्ति बीमार है, तो उसे अपने बीमारी का इलाज करवाना बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि बीमार व्यक्ति को दवाइयों और लगातार इलाज के जरिए उस बीमारी को जड़ से मिटा देना चाहिए। अगर कोई बिना स्वस्थ हुए दवाईयां लेना बंद कर दे, तो उसे बीमारी फिर से पकड़ सकती है। ऐसी स्थिति में ये इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, जब तक बीमारी खत्म न हो जाए तब तक इलाज और दवाई बंद नहीं करना चाहिए।

आग बुझाना

गरूड़ पुराण के अनुसार, यदि कहीं आग लगी है या लग रही है तो उसे वहीं पर तुरंत बुझा देना चाहिए। क्योंकि अगर कहीं आग की एक छोटी सी चिंगारी भी रह जाए, तो वह खतरनाक हो सकती है। उससे आग लग सकती है और बड़े स्तर पर जान मान का नुकसान संभव है।

शत्रुता का नाश

अगर आपकी किसी से शत्रुता है और वह बार बार आपको परेशान कर रहा है, तो उस इंसान से हर तरह की शत्रुता खत्म कर लेनी चाहिए। क्योंकि ये शत्रुता आगे चलकर आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। गरूड़ पुराण में लिखा है कि शत्रु हमेशा ही हमारा अहित चाहता है और हमारे अहित करने की योजना पर लगातार काम करता है। ऐसे में गरूड़ पुराण के अनुसार, शत्रुता का नाश करके ही आप एक निडर जीवन जी सकते हैं।

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