बॉलीवुड

जिस्मफरोशी के दलदल में फँस गयी थी 128 नेपाली लड़कियां, सुनील शेट्टी ने ऐसे की थी मदद

फ़िल्मी पर्दे पर हीरो बनना बड़ा आसान काम है, असल जिंदगी में जो बड़े या नेक काम करता है असली हीरो तो वही होता है. बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी (Sunil Shetty) सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी हीरो है. आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जान आपके मन में सुनील शेट्टी के लिए इज्जत और भी बढ़ जाएगी. आमतौर पर जब भी कोई स्टार समाजसेवा से जुड़ा कोई बड़ा कार्य करता है तो उसे छिपता नहीं है, लेकिन सुनील शेट्टी का स्टाइल थोड़ा अलग है. उन्होंने एक बहुत अच्छा काम करने के बावजूद इसका कभी शो ऑफ नहीं किया.

सुनील शेट्टी के इस नेक काम का खुलासा 24 साल बाद सोशल मीडिया की एक पोस्ट के जरिए हुआ हैं. इस पोस्ट को ओरिजनली मोहुल घोष (Mohul Ghosh) ने लिखा था लेकिन ट्विटर पर जब अमित पंचल (Amit Panchal) ने इसे शेयर किया तो ये वायरल हो गई.

1996 का है मामला

बात 5 फरवरी 1996 की हैं. तब पुलिस ने मुंबई के कमाठीपुरा में रैड मारकर जिस्मफरोशी के धंधे में फंसी 456 पीड़ित लड़कियों को छुड़ाया था. इन सभी लड़कियों की उम्र 14 से 30 के बीच में थी. इनमें 128 लड़कियां नेपाल की रहने वाली थी, जिसमे 50 प्रतिशत तो नाबालिग थी.

चीजें तब हाथ से बाहर जाने लगी जब नेपाल सरकार ने इन लड़कियों को अपने देश लेने से मना कर दिया था. दरअसल इन लड़कियों के पास कोई बर्थ सर्टिफिकेट नहीं था जिससे ये साबित हो सके कि सभी नेपाल की रहने वाली है. ऐसे में ये बेचारी लड़कियां ना तो भारत की रही थी और ना ही नेपाल की, ये बीच में ही लटक गई थी.

सुनील शेट्टी ने ऐसे की थी मदद

तभी सुनील शेट्टी ने बीच में हस्त्सक्षेप किया था. उन्होंने इन लड़कियों को घर वापस भेजने के लिए पूरी एनर्जी निचोड़ दी थी. उनके द्वारा सभी लड़कियों के रिटर्न के टिकट्स बुक कराए गए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया गया कि लड़कियां अपने घर सुरक्षित पहुँच जाए. सुनील इतने सालों तक इस मदद को लेकर चुप रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि किसी भी प्रकार की पब्लिसिटी इन लड़कियों को खतरे में डाल सकती है.

सुनील का ये नेक काम लाइम लाइट में तब आया जब इन लड़कियों में शामिल एक सर्वाइवर चरिमाया तमांग (Charimaya Tamang) ने Vice को दिए एक इंटरव्यू में बाताया कि कैसे सुनील ने उनकी जिंदगी और इज्जत बचाई थी. चरिमाया अब एक एनजीओ चलती है, जो कि जिस्मफरोशी की शिकार लड़कियों के हित में ही काम करता है. इस एनजीओ को 2013 में Ramon Magsaysay Award भी मिल चूका है.

आप अमित पंचाल द्वारा ट्वीट गई जानकारी को यहाँ डिटेल में पढ़ सकते हैं.


इस जानकारी के मिलने के बाद हमारे दिल में सुनील शेट्टी के लिए रिस्पेक्ट और भी बढ़ गई है. हम उम्मीद करते हैं कि बाकी लोग भी इससे प्रेरणा लेकर जरूरतमंदो की मदद को आगे आएँगे.

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