अध्यात्म

58 साल बाद दो महीनों के अंदर लगने वाले हैं दो चंद्र और एक सूर्य ग्रहण, इन लोगों पर पड़ेगा गहरा असर

इस साल जून महीने में दो ग्रहण लगने वाले हैं। जिसमें से एक चंद्र और दूसरा सूर्य ग्रहण हैं। 5 जून को मांद्य चंद्र ग्रहण होगा और 21 जून को सूर्य ग्रहण। वहीं 5 जुलाई को फिर से मांद्य चंद्र ग्रहण लगेगा यानी लगातार दो महीनों में तीन ग्रहण इस साल आ रहे हैं। पंडितों के अनुसार इस समय शनि मकर राशि में वक्री है और ऐसा योग साल 1962 में बना था। साल 1962 में भी शनि मकर राशि में वक्री था और लगातार तीन ग्रहण लगे थे। साल 1962 में 17 जुलाई को मांद्य चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 15 अगस्त को पुन: मांद्य चंद्र ग्रहण हुआ था और इस बार भी इसी क्रम में ग्रहण लग रहे हैं।

5 जून को चंद्र ग्रहण के साथ ही ज्येष्ठ की मास की पूर्णिमा भी है। वहीं 21जून को सूर्य ग्रहण के साथ आषाढ़ मास की अमावस्या है। जबकि 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण के साथ आषाढ़ मास की पूर्णिमा है।

भारत में दिखेगा ग्रहण

5 जून और 5 जुलाई को लगने वाले चंद्र ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेंगे। हालांकि इनका कोई भी असर राशियों पर नहीं पड़ने वाला है। लेकिन 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण कई राशि के लोगों को प्रभावित करेगा। 21 जून को खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया, अफ्रिका और यूरोप कुछ क्षेत्रों में भी दिखा जा सकेगा।

सूर्य ग्रहण का समय

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात को 10.14 मिनट से आरंभ हो जाएगा, जो 21 जून की दोपहर 1.38 तक रहेगा। सूर्य ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.14 मिनट पर शुरू होगा, ग्रहण का मध्य 11.56 मिनट पर और ग्रहण का मोक्ष 1.38 मिनट पर होगा।

कष्टकारी होगा ये सूर्य ग्रहण

पंडितों के अनुसार सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में और मिथुन राशि में लगेगा जिसके कारण ये ग्रहण शुभ नहीं है। इस नक्षत्र और राशि में लगने वाले ग्रहण का जिक्र करते हुए शास्त्रों में एक श्लोक लिखा गया है जो कि इस प्रकार है-

मिथुने प्रवरागंना नृपा नृपमात्रा बलिन: कलाविद:।

यमुनातटजा: सबाह्लिका मत्स्या: सुह्यजनै: समन्वित:।।

इस श्लोक के जरिए ये बताया गया है कि जब भी मिथुन राशि में सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है तो उच्च पदों के लोगों को हानि होती है। यानी ग्रहण लगने से राजा, मंत्री, कला के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर बुरा असर पड़ता है। साथ में ही जो लोग यमुना नदी के किनारे पर निवास करते हैं, वरिष्ठ लोगों, मध्य देश, साकेता, मिथिला, गया, विंध्य में निवास करने वाले लोगों के लिए समय कष्टकारी साबित होता है

आ सकती है प्राकृतिक आपदा

शास्त्रों के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल होता है और मंगल की सूर्य पर दृष्टि और शनि-गुरु की युति होने के कारण भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है।

जानें किन राशि पर पडे़गा कैसा असर

सूर्य ग्रहण का मेष, सिंह, कन्या, कुंभ राशि के जातकों पर अच्छा असर पड़ेगा और इन राशि के लोगों का भाग्य सही बना रहेगा। वहीं वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। इन राशि के लोगों की बाधाएं बढ़ सकती हैं।

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