अध्यात्म

पति की लाइफ तबाह कर सकती है पैर की बिछिया, सुहागन महिलाऐं रखें ध्यान, ना करें ऐसी गलती

महिलाओं को गहने पहनना बहुत पसंद होता है. खासकर सुहागन महिलाएं सोलह शृंगार में रहना पसंद करती है. इसमें पैरों की बिछिया भी शामिल होती हैं. इस बिछिया को महिलाओं का अंतिम शृंगार माना जाता है. आप ने गौर किया होगा कि बिछिया सिर्फ चांदी की ही पहनी जाती है, सोने की बिछिया कोई नहीं पहना है. इसके पीछे एक ठोस वजह भी है. दरअसल शगुन शास्त्र के अनुसार सोने का मिलना या उसे खो देना दोनों ही अशुभ माना जाता है. उदहारण के लिए यदि आपको सड़क पर सोने की कोई चीज मिल जाए तो इसका आपके पति पर नेगेटिव इफ़ेक्ट पड़ता है. इसी तरह सोने को खो देना भी पति की दरिद्रता और दुर्भाग्य को दर्शाता है. सोना गुरु गृह के प्रभाव को घटता या बढ़ाता भी है. इसलिए पैरों में चांदी की बिछिया ही पहनी जाती है क्योंकि इसके पैरों से निकल खोने की संभावना अधिक होती है.

सुहागन महिलाओं को पहननी चाहिए बिछिया

शास्त्रों के अनुसार हर सुहागन महिला का बिछिया पहनना आवश्यक होता है. इस बिछिया को महिलाओं के शृंगार का अंतिम आभूषण माना जाता है. गौरतलब है कि महिलाओं का सभी शृंगार मांग टिका और पैरों की बिछिया के बीच ही होता है. इस तरह मांग टिका महिलाओं का प्रथम आभूषण बन जाता है.

बिछिया पहनते समय ना करें ये गलतियाँ

क्या आप जानते हैं कि बिछिया पहनते समय यदि महिलाएं कुछ ख़ास गलतियाँ करती है तो उसका नुकसान पति को भुगातना पड़ता है. इसलिए बिछिया पहने समय इन गलतियों को करने से हर हाल में बचे.

सोने की बिछिया: शास्त्रों के अनुसार सोने की बिछिया पहनना बहुत बड़ा अपशगुन होता हैं. वहीं विज्ञान के मुताबिक पैरों में चांदी की बिछिया पहनने से मानसिक शांति मिलती है.

बिछिया खोना: एक महिला को अपनी बिछिया बड़ी संभाल कर रखनी चाहिए. यदि ये गुम हो जाती हैं तो इसा सीधा असर आपके पति की सेहत पर पड़ता है.

बिछिया उधार देना: आपको कभी भी अपनी बिछिया दूसरी महिला को उधार नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से आपका पति कर्ज में डूबने लगता हैं. इतना ही नहीं वो मानसिक तनाव से भी गुजर सकता है. उसकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो सकती है.

बिना आवाज वाली बिछिया: वेदो के अनुसार महिलाओं को पैर में ऐसी ही पायल या बिछिया पहननी चाहिए जिसमे से हल्की-हल्की आवाज रहे. इससे माँ लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहती हैं.

तो आपने देखा कि कैसे छोटी सी बिछिया सुहागन महिला के लिए बहुत ख़ास आभूषण होती है. यही वजह हैं कि एक सुहागन महिला को इसे लेकर कोई भी लापरवाही नहीं करना चाहिए. मंगलसूत्र की तरह यह बिछिया भी आपके सुहाग की निशानी होती है. यही वजह है कि पति के देहांत के बाद महिलाऐं पैरों में बिछिया नहीं पहनती है. इन सभी नियमों में सबसे सख्त नियम यही है कि अपने पैर की बिछिया दूसरी महिला को पहनने को ना दे. इसका सबसे बुरा असर आपके पति पर ही पड़ेगा. वे आपकी वजह से मानसिक और शारीरिक परेशानियों को झेलेंगे. उम्मीद करते है कि आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी. इसे दूसरों संग शेयर करना न भूले.

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