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राजस्थान में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस ने निसार, सलमान, जाकिर समेत 4 को किया अरेस्ट

5 मई की रात दो कार सवार युवकों ने एक दलित युवती का अपहरण कर लिया। अपहरण करने के बाद नाबालिग को जंगल में ले गए

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन घोषित है। देश में 25 मार्च से 17 मई तक तीन चरणों में लॉकडाउन लगाया गया है, लेकिन देशव्यापी तालाबंदी के बावजूद बलात्कार जैसे जघन्य अपराध हो रहे हैं। लॉकडाउन में भी देश भर में अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बलात्कार की घटनाएं आए दिन सुनने को मिल रहे हैं। इसी बीच 5 मई 2020 को राजस्थान के टोंक जिले में एक नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना हुई है।

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में चारो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन चार आरोपियों में से एक नाबालिग है। राजस्थान के टोंक में इस गैंगरेप के मामले में अपराधियों का नाम निसार खान उर्फ नसरिया, सलमान उर्फ खोबड़ा, जाकिर उर्फ राजरड़ा है, जबकि चौथा आरोपी नाबालिग है। यह मामला 5 मई को हुआ था और ये टोंक जिले के पचेवर थाना क्षेत्र का मामला है।

5 मई की रात दो कार सवार युवकों ने एक नाबालिग का अपहरण कर लिया। अपहरण करने के बाद नाबालिग को जंगल में ले गए, जहां कार सवार दो युवकों के अन्य दो साथी भी आ गए। इसके बाद उस नाबालिग के साथ सारे अमानवीय कृत्य किए गए। आरोपियों ने नाबालिग के साथ रात भर बारी बारी से रेप किया और नाबालिग द्वारा इसका विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई।

जनप्रतिनिधियों ने पीड़िता के न्याय के लिए दिया धरना

5 मई को टोंक में हुए एक नाबालिग से गैंगरेप के मामले में सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया व विधायक कन्हैया लाल चौधरी के नेतृत्व में अन्य कार्यकर्ताओं ने अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की तथा नाबालिग पीड़िता के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की। इस मामले में सांसद व विधायक ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम एक ज्ञापन सौंपा है।

नाबालिग पीड़िता के साथ बालात्कार मामले में जांच अधिकारी द्वारा डराने धमकाने तथा महिला चिकित्सक द्वारा पीड़िता के साथ अभद्र व्यवहार करने की बात सामने आई थी। इन बातों के सामने आने के बाद शुक्रवार को क्षेत्र के सांसद व विधायक ने पुलीस अधीक्षक कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और जांच अधिकारी बदलने व चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही करने की भी  मांग की।

पांच सूत्रीय मांग रखी गई

मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में पांच सूत्रीय मांग रखी गई है, जिसमें मांग ये है कि पहले पीड़िता से लिए गए बयानों को दोबारा कराएं और जांच अधिकारी बदलें। साथ ही उस महिला चिकित्सा के खिलाफ कार्रवाई हो, जिसने नाबालिग के साथ अभद्रता की। पांच सूत्रीय मांग में चौथी मांग रखी गई कि अपराधियों को फांसी की सजा हो और अंतिम में कहा गया कि पीड़िता के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें।

धरना प्रदर्शन करीब 2 घंटे तक चला। इसके बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा परिवारजनों की उपस्थिति में  पीड़िता के बयान कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर ये धरना प्रदर्शन खत्म हुआ। वहां उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं ने परिवारजनों को ढांढस बंधाया कि पीड़ित बालिका को उचित न्याय दिलाएंगे, इसके लिए हम सभी एक साथ हैं।

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