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सेना को मिली बड़ी कामयाबी, हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू मुठभेड़ में ढेर, 12 लाख का था इनाम

भारतीय सेना को बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है और सेना ने हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू को मार गिराया है। सेना ने एक मुठभेड़ के दौरान आतंकी रियाज नायकू और उसके एक सहयोगी को मारा है। आपको बात दें कि हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रहे आतंकी रियाज नायकू पर सरकार ने 12 लाख रुपए का इनाम रखा था।

सेना के अनुसार रियाज नायकू घाटी में मोस्ट वांटेड आतंकी था और ये आतंकियों की भर्ती करवाने का काम करता था। इसकी आयु 35 साल की थी और आतंकी बनने से पहले ये गणित का टीचर हुआ करता था। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी को मारे जाने के बाद नायकू ही घाटी में आतंक फैलाने का काम करता था। वहीं आतंकी सद्दाम पोद्दार के मारे जाने के बाद इसे संगठन का कमांडर बना दिया गया था।

इंटरनेट सेवा बंद

सेना ने रियाज नायकू रियाज के पैतृक गांव, पुलवामा जिले के बेगपोरा में हुई मुठभेड़ के दौरान इसे मारा है। वहीं इस आतंकी को मारने के बाद इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। सेना की और से जारी किए गए बयान में ये कहा गया है कि पुलवामा में मारे गए आतंकियों के नाम जाहिर नहीं करेंगे, क्योंकि असली हीरो तो वे हैं जिन्होंने बेगपोरा में 2 आतंकी मार गिराए है। हालांकि बाद में सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नायकू के नाम का खुलासा कर दिया। वहीं नायकू के साथ जो अन्य आतंकी मारा गया है उसका नाम आदिल है।

हमेशा बच जाता था

सेना ने इससे पहले भी नायकू को पकड़ने की कोशिश की थी। लेकिन हर बार ये बच जाता था। लेकिन इस बार सेना को इसे पकड़ने में कामयाबी मिली है। दरअसल मंगलवार की रात को सेना को नायकू के उसके पैतृक गांव में होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना ने उसके गांव को घेर लिया था और मंगलवार रात कॉर्डन सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। ये ऑपरेशन सुबह तक चला और सुबह नौ बजे आतंकवादियों से मुठभेड़ करते हुए इसे मारा गया।

ऐसे दिया इस ऑपरेशन को अंजाम

नायकू केवल अपने करीबी लोगों पर ही विश्वास करता था। जिसकी वजह से नायकू कहां है ये सूचना सेना को नहीं मिल पाती थी। लेकिन इस बार सेना को इसके होने की सही सूचना मिली। जिसके बाद ये ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन के तहत इस आतंकी के गांव को पहले पूरी तरह से घेरा गया। इतना ही नहीं सेना ने गांव के आसपास कई सारे खेत, रेलवे ट्रैक की खुदाई भी की और ये पता लगाया कि यहां कोई सुरंग या जमीन के भीतर आतंकी ठिकाना तो नहीं हैं। इसके बाद सेना ने जिस घर के अंदर ये छुपा हुआ था उसे 40 किलो आईईडी से उड़ा दिया। वहीं इस आतंकी की मौत के बाद घाटी में तनाव बढ़ गया है और लोगों द्वारा पत्थरबाजी की जा रही है।

कई युवकों को बनाया आतंकी

नायकू अपने संगठन को बढ़ाने के लिए घाटी के युवाओं को भड़कता था और उन्हें आतंकी बनाता था। बताया जाता है कि इस आतंकी ने कश्मीर घाटी के कम से कम एक दर्जन युवकों को हिज्बुल में शामिल किया था।

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