अध्यात्म

महादेव का यह धाम, जहां जप करने से सुधर जाती है जिंदगी, भक्तों के दूर हो जाते हैं बड़े बड़े संकट

दुनिया भर में ऐसे बहुत से मंदिर मौजूद है जिसकी अपनी अपनी कोई ना कोई खासियत अवश्य है, हमारा देश धार्मिक देशों में से एक माना जाता है और हमारे देश में देवी-देवताओं के बहुत से मंदिर स्थित है, अगर हम महादेव के मंदिरों की बात करें तो दुनिया भर में महादेव से जुड़े हुए बहुत से मंदिर हैं, जिन मंदिरों में भक्तों की भारी संख्या में भीड़ लगी रहती है, सनातन धर्म के आदी पंचदेव में से एक महादेव भी है, इनको देवों का देव महादेव कहा जाता है, भक्त इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं, भक्त इनको भोलेनाथ, शंकर, नीलकंठ, रुद्र जैसे नामों से पुकारते हैं, भगवान शिव जी एक ऐसे देवता है जो अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं, परंतु आज हम आपको भगवान भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसकी मान्यता अनुसार यहां पर भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं।

हम आपको जिस महादेव के मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह प्राचीन मंदिर “जागेश्वर धाम” है, यह देवी भूमि के कुमाऊं क्षेत्र की गोद में बसा हुआ है, इस क्षेत्र को मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है, इस पूरे इलाके में एक नहीं बल्कि सैकड़ों मंदिर बने हुए हैं, जिन मंदिरों में श्रद्धालु भारी संख्या में दर्शन करने के लिए आते हैं, भगवान शिव जी का जागेश्वर धाम अपनी विशेषता और चमत्कार के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, इस धाम के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जो व्यक्ति यहां पर आकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है उसके जीवन की कठिन से कठिन परिस्थिति भी सुधर जाती है यानी व्यक्ति का जीवन यहां पर जप करने से सुधर जाता है, ऐसा बताया जाता है कि यहां पर महादेव भक्तों के मृत्यु का संकट तक टाल देते हैं।

भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में जो ज्योतिर्लिंग मौजूद है, उसको 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख ज्योतिर्लिंग माना जाता है, महादेव के इस धाम के आस-पास बहुत से छोटे बड़े मंदिर बने हुए हैं, ऐसा बताया जाता है कि महादेव का जागेश्वर धाम मंदिर कैलाश मानसरोवर यात्रा की प्राचीन मार्ग पर पड़ता है, भोलेनाथ का यह मंदिर अपनी प्राचीनता के लिए तो मशहूर है परंतु इसके अलावा भी यह मंदिर वास्तुकला के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में इस मंदिर को माना गया है, वैसे तो यहां पर भक्तों का साल भर तांता लगा रहता है, लेकिन हर वर्ष सावन माह में यहां पर श्रावणी मेला का आयोजन होता है, जो करीब 1 महीने तक चलता रहता है और इस मेले में भाग लेने के लिए लोग देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां पर आते हैं, इस समय के दौरान भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।

इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जागेश्वर धाम में ही देवों के देव महादेव ने तप किया था, यह मंदिर प्राचीन वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध है, अगर आप इस मंदिर में कभी जाने का प्लान बनाएं तो आप श्रावणी मेले के आसपास जाए क्योंकि इस समय के दौरान यहां का माहौल देखने लायक रहता है, ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आता है उसकी कहीं हर मुराद महादेव पूरी करते हैं।

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