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मंदिर के बाहर गोलियों से छलनी किया गया था गुलशन कुमार का सीना, इस कारण हुई थी उनकी हत्या

जूस की दुकान चलाने वाले गुलशन कुमार ऐसे बने हिंदी म्यूजिक इंड्स्ट्री के कैसेट किंग

संगीत की दुनिया में बड़ा नाम कमाने वाले गुलशन कुमार का जन्म 5 मई के दिन हुआ था। गुलशन कुमार ने सफलता के जिन आयामों को छुआ है वहां तक पहुंच पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। उनके गानों ने लोगों के दिल में कुछ ऐसे घर बनाया कि दुनिया ने उन्हें नाम दिया कैसेट किंग। गुलशन कुमार अपने पिता के साथ जूस की दुकान चलाते थे उस वक्त शायद उन्हें भी नहीं पता होगा कि वो एक बड़ा नाम बनने वाले हैं। उनकी म्यूजिक कंपनी का आज भी बॉलीवुड में बड़ा नाम हैं। हालांकि बॉलीवुड के इतिहास में एक काला दिन वो आया जब गुलशन कुमार की मंदिर के बाहर हत्या कर दी गई थी। आपको बताते हैं क्या हुआ था उस दिन।

क्या हुआ था उस दिन ?

12 अगस्त 1997 में हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री को एक बड़ा गहरा सदमा लगा था। इस दिन सुबह गुलशन कुमार मंदिर में पूजा करने गए थे। जब वो मंदिर से लौटे तो उन्हें वहीं गोली मार दी गई। गुलशन कुमार को करीब 16 गोलियां मारी गई थी जिसके चलते उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। गुलशन कुमार को अंधेरी के जीतेश्वर महादेव मंदिर के सामने ही गोली मारी गई थी। उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला था और आनन फानन में ही उनकी मौत हो गई थी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 अगस्त को 42 साल के गुलशन कुमार हाथ में पूजा का सामान लिए माला जपते मंदिर की ओर से आ रहे थे। गौरतलब है कि वो मंदिर भी उनके घर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर था। गुलशन कुमार मंदिर से पूजा करके लौट रहे थे। उन्हें अचानक ऐसा लगा कि उनकी पीठ पर किसी ने बंदूक तान दी है। उन्होंने देखा कि एक शख्स हाथ में बंदूक लिए खड़ा था।

इससे पहले गुलशन कुमार कुछ कहते या समझ पाते उन पर 16 गोलियां एक के बाद एक दाग दी गईं। गोलियां सबसे ज्यादा उनकी पीठ और गर्दन पर लगी थी। गुलशन कुमार के ड्राइवर के सामने ये सब हो रहा था। उन्होंने अपने मालिक को बचाने के लिए हत्यारों पर कलश फेंका, लेकिन वो लोग नहीं रुके। उन्होंने ड्राइवर के पैर में भी गोली मार दी।

इस कारण हुई थी गुलशन कुमार की हत्या

गुलशन कुमार के हत्या के पीछे अंडरवर्ल्ड का हाथ था। अंडरवर्ल्ड उनसे फिरौती मांग रहा था जिसे देने से गुलशन कुमार ने मना कर दिया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अबु सलेम ने गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्पशूटरों को दी थी। 9 जनवरी 2001 को जगताप ने इस बात को कबूल कर लिया था कि उसने ही गुलशन कुमार को गोली मारी थी। विनोद जगताप को 2002 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, लेकिन दाऊद मर्चेंट 2009 में परोल पर रिहाई के दौरान फरार हो गया था। मुंबई पुलिस ने अपनी जांच में बताया था कि इस हत्या के लिए फिल्मी हस्तियां और माफिया के लोग जिम्मेदार हैं।

गुलशन कुमार आज भले ही हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उन्होंने डर का सामना बहादूरी से किया। दिल्ली के दरियागंज  मे जूस बेचने का काम करने वाले गुलशन कुमार ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया। गुलशन ने ब्लैंक ऑडियो कैसेट्स को रिकॉर्ड कर बेचने का काम शुरु किया था। इन म्यूजिक कैसेट्स ने कुछ सालों में ही गुलशन कुमार की कंपनी को देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी बना दिया था। गुलशन कुमार के गाने लोगों को काफी पसंद आते थे। जब गुलशन कुमार ने मुंबई में टी-सीरीज का काम शुरु किया तो अपनी यहां कई उभरते गायकों को गाने का मौका दिया। आज वो सिगंर बड़ी हस्तियां बन चुके हैं जिनमें कुमार सानू, सोनू निगम और अनुराधा पौडवाल जैसे सिंगर शांमिल हैं।

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