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मौलाना साद के बैंक एकाउंट से 48 घंटों में ही गायब हो जाते थे करोड़ों रुपए की अवैध फंडिंग

यह बुज़दिल कायर मौलाना साद पूरे भारत में कोरोना फैलाने के बाद पुलिस से आँख मिचोली खेल रहा है

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम निजामुद्दीन स्थित बैंक ऑफ इंडिया के तब्लीगी जमात के खाते के बारे में जानकारी हासिल करना चाह रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैंक एकाउंट में पैसे जमा होने के 24 से 48 घंटों बाद ही करोड़ों रूपए गायब हो जाते थे। पिछले दिनों करोड़ों रूपए तब्लीगी जमात के बैंक एकाउंट से दूसरे बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं। आइये जानते हैं कि आखिर कहां जाते थे ये पैसे?

खाते का सारा हिसाब दोनों बेटे और भांजे के पास

तब्लीगी मरकज जमात के लिए जो भी फंडिंग होती थी, उसकी सारी जानकारी मौलाना साद, उसके दोनों बेटे और भांजे के पास है। सारे पैसों का हिसाब किताब यही चारों रखते हैं। इन बैंक खाते में करोड़ों रूपए की अवैध फंडिंग हुई है, इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच में जुट गया है। सूत्र बता रहे हैं कि अभी ई़डी इसकी जांच हवाला एंगल से कर रही है।

दिल्ली पुलिस भेज सकती है पांचवा नोटिस

तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार नोटिस भेज रही है, लेकिन मौलाना साद पुलिस के नोटिसों का ठीक से जवाब नहीं देता है और वह जांच में भी सहयोग करने के लिए राजी नहीं है। बता दें कि चार नोटिस मौलाना साद के नाम भेजे जा चुके हैं, जिसमें से एक भी नोटिस का ठीक से जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में, अब क्राइम ब्रांच पांचवा नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी का कहना है कि तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद को जो पहला नोटिस जारी किया गया था, उसमें तब्लीगी मरकज व संस्था से जुड़े सभी सदस्यों की जानाकारी तथा मरकज के नाम पर मौजूद सभी बैंक खातों की जानकारी मांगी गई थी, जिसमें देश-विदेश से फंडिंग होती है। साथ ही मौलाना से नोटिस के जरिए आयकर रिटर्न की सभी जानकारियां मांगी गई हैं। अधिकारी बताते हैं कि इनमें से कुछ सवालों के जवाब गोलमोल तरीके से मौलाना के एक अधिवक्ता ने दी थी। इसके बाद मौलाना को कई बार लीगल नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन वह पूछे गए सवालों का जवाब जानबूझकर नहीं दे रहा है।

मुकदमा लड़ने के लिए मौलाना साद ने चार अधिवक्ताओं की टीम का गठन किया है। क्राइम ब्रांच द्वारा जो भी सवाल पूछा जाता है, इन्हीं वकीलों के जरिए साद अपना जवाब भिजवाता है। इतना ही नहीं, क्राइम ब्रांच कह रहा है कि तब्लीगी मरकज जमात के कई बैंक खाते हैं, लेकिन मौलाना साद हजरत निजामुद्दीन स्थित बैंक ऑफ इंडिया के खाते के बारे में ही जानकारी नहीं दे रहा है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच का यह कहना है कि मरकज के इस खाते में हर रोज बड़ी रकम आती थी, जिसे 24 से 28 घंटे में दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था और इसकी वजह भी मौलाना साद नहीं बता रहा है।

क्राइम ब्रांच ने नोटिस जारी कर मौलाना साद से यह स्पष्ट रूप से कहा है कि वह एम्स में अपनी कोरोना की जांच करवाकर रिपोर्ट हमें सौंपे। साथ ही अगर मौलाना निजी लैब से जांच करवाकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, तो उसे क्राइम ब्रांच स्वीकार नहीं करेगा।

क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, साद के करीबियों, चश्मदीद गवाह व मरकज के कई कर्मचारियों समेत 60 से अधिक लोगों से अब तक पूछताछ की गई है और उनके बयान भी दर्ज किए गए हैं। देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल मौलाना साद व मरकज प्रबंधन से जुड़े दूसरे मौलानाओं को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

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