बॉलीवुड

एक बार फिर से छलका ‘राम जी’ का दुख, कहा- मुझे कभी किसी सरकार ने सम्मानित नहीं किया

इन दिनों दूरदर्शन में दिखाई जा रही रामायण को खूब पसंद किया जा रहा है और हर कोई राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल की तारीफ कर रहा है। हालांकि इसी बीच अरुण गोविल ने अपना खुद जाहिर किया है और ट्विटर के जरिए लोगों को बताया है कि किसी तरह से इतना प्रसिद्ध होने के बाद भी उन्हें कभी कोई सम्मान नहीं दिया गया। अरुण गोविल ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा कि, चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया। मैं उत्तर प्रदेश से हूं। लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया। और यहां तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूं। लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया।

अरुण गोविल के इस ट्वीट से इनका दर्द साफ बयां होता है कि इतने प्रसिद्ध नाटक का हिस्सा होने के बाद भी इनको कभी भी कोई सम्मान या अवॉर्ड नहीं दिया गया है। दरअसल अरुण ने ये ट्वीट उस समय किया जब फिल्मफेयर के वरिष्ठ सहायक संपादक रघुवेंद्र सिंह से उनकी बात ट्वीटर पर हो रही थी और इसी दौरान  62 साल के अरुण ने ये ट्वीट किया था।

अरुण के इस ट्वीट के बाद से कई लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है और एक यूजर ने लिखा है कि “अरुण जी आप खुद एक सम्मान हैं। हमारे लिए। आपको कोई सम्मान दे या न दे भारत के सभी घरों में राम के रूप में आपको देखते हैं और पूजा करते हैं। जबकि  एक अन्य यूजर ने लिखा की करोड़ों लोग आप में राम देखते हैं। ऐसा सम्मान किसी को मिल सकता है? मेरा बेटा आपको ही राम समझता है।

नहीं मिला फिल्मों में काम

ये पहला मौका नहीं है जब अरुण गोविल ने अपनी दुख प्रकट किया हो। इससे पहले भी अरुण गोविल अपना खुद प्रकट कर चुके हैं और उन्होंने बताया था कि किस तरह से राम जी का किरदार निभाने के बाद उनको फिल्मों और नाटकों को काम नहीं मिल सका था। जिसकी वजह से वो चाहकर भी फिर से फिल्मी दुनिया में वापसी नहीं कर सके थे। अरुण गोविल के अनुसार हर कोई उनके अंदर राम भगवान को ही दिखता था। जिसकी वजह से फिल्म निर्माता उन्हें फिल्मों में काम नहीं दिया करते थे। अरुण से जब एक सवाल पूछा गया कि ‘रामायण’ के बाद उन्हें राम माना जाने लगा। तो क्या इस वजह से उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ा था? जवाब में उन्होंने लिखा, “‘रामायण’ के बाद मुझे कमर्शियल फिल्में मिलनी बंद हो गई थीं। हर बात के निगेटिव-पॉजिटिव पहलू होते हैं। ‘रामायण’ से मुझे जो कुछ मिला, वो शायद मैं कितनी भी फिल्में कर लेता, मुझे नहीं मिलता। भगवान राम ने अपना नाम मेरे साथ जोड़ दिया। और क्या देगा भगवान? मैं इंसान ही बना रहूं, बहुत है मेरे लिए।”


गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान एक बार फिर से रामायण का प्रसारण किया जा रहा है और लोगों द्वारा इस नाटक के किरदारों को बहुत प्यार फिर से मिल रहा है। इतना ही नहीं रामायण सबसे अधिक टीआरपी वाला नाटक भी बन गया है।

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