अध्यात्म

चाणक्य नीतिः सिर्फ जन्म देने वाली नहीं बल्कि हर व्यक्ति के जीवन में होती हैं ये 5 मां

चाणक्य ने अपनी नीतियों में जीवन की कई समस्याओं का हल बताया है

चाणक्य ने जो नीतियां बताई थीं वो आज के समय भी उतनी ही काम आती हैं। जीवन को कैसे सही दिशा में जिएं, कौन आपका शत्रु है और कैसे जीवन में सफलता पा सकते हैं। इन सारे प्रश्नों के जवाब चाणक्य नीतियों में मिल जाते हैं। उन्होंने अपने नीति ग्रंथ में जीवन की कई समस्याओं से निपटने के समाधान दिए हैं। उनकी बातों से पहले समय में राजा-महाराजा भी अपनी समस्याएं दूर करते थे और आज के समय में भी उनकी ये नीतियां हमारे काम आती हैं। जीवन के दूखों को दूर करने के लिए उन्होंने 5 माओं के बारे में बताया है। जानते हैं की क्या ये 5 माएं हम सभी के पास हैं।

राजपत्नी गुरोः पत्नी मित्र पत्नी तथैव च

पत्नी माता स्वमाता च पञ्चैता मातरः स्मृता।।

चाणक्य ने इस श्लोक में 5 माओं का वर्णन करते हैं। आपको बताते हैं कौन सी है वो 5 माएं।

पहली मां

चाणक्य कहते हैं कि राजा या शासक की पत्नी हमारी माता समान होती है। पहले के समय में राजा-महाराजा हुआ करते थे। उनके लिए उनकी प्रजा संतान के समान होती थी। ऐसे में राजा की पत्नी उस प्रजा के लोगों के लिए मां जैसे ही होती थी। आज के समय में जो आपका अधिकारी है, जो आपका बड़ा है या जो आपका राजा है उसकी पत्नी आपके लिए मां ही होगी। चाणक्य के अनुसार हमेशा ऐसे व्यक्ति की पत्नी को मां समझना चाहिए।

दूसरी मां

चाणक्य कहते हैं की राजा के अलावा गुरु की पत्नी भी मां के समान होते हैं। कहा गया है कि गुरु का स्थान तो भगवान से भी बड़ा होता है। ऐसे में जो आपका गुरु है वो आपके लिए सबसे ज्यादा महत्वूर्ण है और उसकी पत्नी भी आपके लिए मां हैं। जैसे गुरु आपको निखारते हैं और आपकी प्रतिभा को बढ़ाने में मदद करते हैं वो आपके पिता के स्थान पर आ जाते हैं और ऐसे में उनकी पत्नी आपकी मां के स्थान पर आ जाती है।

तीसरी मां

आपके मित्र की पत्नी भी मां के समान होती है। जब आप अपने मित्र की पत्नी से मिलते हैं तो वो भाभी के रिश्ते में आती है। जैसे बड़े भाई की पत्नी भाभी मां समान होती है वैसे ही आपके मित्र की पत्नी का स्थान आपके जीवन में मां के स्थान पर होता है। अपने मित्र की पत्नी को मां समान ही समझें और वैसा ही आदर और सम्मान दें जैसा आप अपनी मां को देते हैं।

चौथी मां

इस श्लोक में चाणक्य बताते हैं कि आपकी सास भी आपकी चौथी मां होती है। इसका अर्थ है कि आपकी पत्नी को जन्म देने वाली मां भी आपके मां समान ही होती है। आपके जीवन में पत्नी हर सुख दूख में साथ निभाती है और एक ढाल की तरह सारे संकट अपने ऊपर ले लेती है। ऐसी स्त्री को जन्म देने वाली औरत आपकी मां होती है और उन्हें वैसा ही सम्मान देना चाहिए।

पांचवी और आखिरी मां

5वीं मां आपकी वो है जिसने आपको जन्म दिया है। वो स्त्री जो आपको गर्भ में रखकर नौ महीने सींचती है। मां आपको दिशा दिखाती है, आपकी गलती सुधारती है और आपको बेहतर इंसान बनाती हैं। जीवन में कभी भी जन्म देने वाली मां के सम्मान में कमी नहीं करनी चाहिए और उन्हें हमेशा अपने जीवन में ऊंचा स्थान देना चाहिए।

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