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प्रभा मिश्रा नहीं अपराजिता भूषण ने निभाया था मंदोदरी का किरदार, 15 साल बाद सामने आया सच

कोरोना संकट की वजह से जो इस वक्त देश में लॉकडाउन लगा हुआ है, इस दौरान रामायण का दोबारा दूरदर्शन पर प्रसारण हो रहा है। इस धारावाहिक से जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है। अब तक प्रभा मिश्रा नाम की महिला को रामायण सीरियल की मंदोदरी माना जा रहा था, पर सच तो यह है कि महान अभिनेता भारत भूषण की बेटी अपराजिता भूषण द्वारा यह किरदार निभाया गया था।

अपराजिता ने बताया

अपराजिता भूषण-भारत भूषण

एक हिंदी अखबार के साथ बातचीत में अपराजिता भूषण ने बताया है कि वे भारत भूषण की बेटी हैं और पुणे में परिवार के साथ रहती हैं। फिल्म इंडस्ट्री से वे लगभग 23 वर्ष पहले दूर हो गई थीं। अब उन्होंने एक लेखिका और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में अपना आगे का करियर बना लिया है। उन्होंने बताया कि इसी साल जनवरी में कुछ शुभचिंतकों की ओर से उन्हें बताया गया कि इंटरनेट पर मंदोदरी शब्द को सर्च करने पर मंदोदरी की भूमिका में उनका नाम सामने न आकर बीके प्रभा मिश्रा का नाम आ रहा है।

उस वक्त न तो कोरोना संकट की स्थिति थी और न ही रामायण के दोबारा प्रसारित किए जाने की कोई योजना। फिर भी इस बात से वे बेहद चकित रह गई थीं कि उनके नाम और उनके काम पर बीते 15 वर्षों से यह आघात चला आ रहा था। गूगल पर पुराने लिंक को खोजने पर उन्होंने इसे सही पाया। उन्होंने पाया कि जिस प्रभा मिश्रा को रामायण की मंदोदरी इंटरनेट पर बताया जा रहा था, वे प्रतिष्ठित संस्था ब्रह्माकुमारीज से नाता रखती हैं।

अपराजिता भूषण

अपराजिता के मुताबिक ब्रह्माकुमारीज संस्था को संपर्क करके उन्होंने सारी जानकारी दी। गंभीरता से उनकी बात को सुनकर उन्होंने उनकी सहायता के लिए कदम भी उठाए। उनके जरिए प्रभा मिश्रा से संपर्क करने पर उनकी ओर से कुछ अजीब तर्क उन्हें दिए गए, जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं था। फिर भी सच-झूठ सामने आने के बाद उनसे उन्होंने माफी मांग ली। अपराजिता ने बताया कि वे बहुत ही दुखी थीं। उन्होंने प्रभा से उनकी पहचान लौटाने का अनुरोध किया। साथ ही उनसे यह भी कहा कि 15 वर्षों के दौरान जो उन्होंने इंटरव्यू दिए हैं, उन्हें डिलीट करवा दें। साथ ही जो भी बातें उन्होंने मंदोदरी वाले किरदार को लेकर की हैं, लिखित में स्पष्टीकरण दे दें कि उन्होंने वह भूमिका नहीं निभाई थी, बल्कि इसका केवल इस्तेमाल उन्होंने किया था।
प्रभा मिश्रा

अपराजिता के मुताबिक कई बार ध्यान दिलाने के बाद भी प्रभा की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। फिर लॉकडाउन के दौरान रामायण का प्रसारण होने पर कई लोगों ने उन्हें कानूनी कदम उठाने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने इस सलाह को नजरअंदाज किया। अपराजिता ने कहा कि प्रभा जी को कॉल करके मैंने उन्हें ईमेल के जरिए यह सफाई लिखित में भेजने का आग्रह किया वे असली मंदोदरी नहीं हैं। अपराजिता भूषण ने यह भूमिका निभाई थी। आखिरकार ईमेल भेजकर उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करके मंदोदरी की पहचान उन्हें लौटा दी। इस तरीके से अंत में सच की जीत हुई।

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