राजनीति

अमेरिका में फिर छिड़ी ट्रम्प और न्यायालय के बीच जंग, ट्रम्प के नए फैसले को कोर्ट ने किया रद्द!

अमेरिका में मुस्लिम एंट्री बैन का मुद्दा एकबार फिर गरमा गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक आदेश को कोर्ट ने लागू होने से पहले ही रोक दिया है. हवाई की एक कौर्ट ने ट्रम्प सरकार के फैसले को भेदभाव बढ़ाने वाला फैसला बताते हुए उसपर रोक लगा दी है. इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 7 मुस्लिम राष्ट्र के नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश रोकने का फैसला कोर्ट खारिज कर चुकी है ऐसे में दूसरी बार इस फैसले पर कोर्ट ने रोक लगायी है.

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने 27 जनवरी को एक फैसला किया था जिसके तहत 7 मुस्लिम राष्ट्रों के नागरिकों के अमेरिका प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था. इस फैसले को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था उसके बाद फिर 6 मार्च को ट्रम्प ने एक नए फैसले पर हस्ताक्षर किये जिसके अनुसार 6 मुस्लिम राष्ट्रों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिन का बैन लगाया जाना था. इस बार बैन राष्ट्रों में से इराक का नाम हटा लिया गया था.

मुसलमानों की सुरक्षा के कानूनों का उल्लंघन :

हवाई की एक कोर्ट ने इस फैसले को लागू होने से कुछ घंटे पहले ही इसपर रोक लगा दी. हवाई के एक फेडरल जज ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प के इस आदेश से अमेरिकी संविधान में मुस्लिमों के खिलाफ भेद-भाव और उनकी सुरक्षा के कानूनों का उल्लंघन होगा. फेडरल जज डेरिक वाटसन ने आदेश लागू होने के कुछ घंटे पहले ही आदेश पर रोक लगा दी.

सुप्रीम कोर्ट जाएंगे ट्रम्प :

डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे एक बुरी खबर बताया है, ऐसे में अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प और कोर्ट के बीच टकराव की स्थिति बन गयी है. अब मामला फेडरल कोर्ट तक जाने की संभावना है. डोनाल्ड ट्रम्प ने नैशविल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह ज्यूडिशियल दखलन्दाजी है और अगर जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी जायेंगे. मामले में ट्रम्प और कोर्ट के बीच तल्खियां बढती हुयी नजर आ रही हैं.

क्या है डोनाल्ड ट्रम्प का नया फैसला :

डोनाल्ड ट्रम्प के नए आदेश में 6 मुस्लिम राष्ट्रों (ईरान, सीरिया, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन) के नागरिकों के लिए 90 दिन का बैन लागू किया जाना था. साथ ही 90 दिन के दौरान स्टैंडर्ड्स की समीक्षा की जानी थी कि ये आतंकियों और अपराधियों को रोकने में कारगर हैं या नहीं. इसके अलावा नए आदेश में शरणार्थियों पर भी 120 दिन के लिए बैन लगाया जाना था. हालांकि अमेरिका के वे लोग जो देश के परमानेंट सिटिजन बन चुके हैं उनपर यह आदेश लागू नहीं होता, साथ ही ग्रीन कार्ड धारकों और वैलिड डॉक्युमेंट्स के साथ अमेरिका में एंट्री करने वाले लोगों पर भी यह कानून प्रभावी नहीं होता.

गौरतलब है कि इससे पहले मुस्लिमों के अमेरिका में बैन से जुड़े एक आदेश पर अमेरिका की सिएटल कोर्ट पहले ही रोक लगा चुकी है, उस फैसले के बाद ट्रम्प प्रशासन की ओर से यह नया और संशोधित आदेश पारित किया जाना था.

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