राजनीति

देश में कोरोना वायरस के मामले पहुंचे 7500 के पार, 30 अप्रैल तक बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन

पीएम की बैठक से पहले ओडिशा और पंजाब ने लॉकडाउन की अवधि को 30 अप्रैल तक कर लिया है

भारत में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं और ये आंकड़ा 7,500 के आगे निकल चुका है। इस भीषण महामारी से भारत में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान चुकी है। 21 दिन के लिए किए गए लॉकडाउन के खत्म होने का समय  भी नजदीक आ गया है, लेकिन संक्रमण कहीं से भी कम होता नजर नहीं आ रहा। बता दें की पीएम मोदी एक बार फिर मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉकडाउन के बढ़ाए जाने पर बात कर सकते हैं। वहीं पीएम की बैठक से पहले ओडिशा और पंजाब ने लॉकडाउन की अवधि को 30 अप्रैल तक कर लिया है। भारत में संक्रमण और मौत का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।

2 हफ्ते के लिए बढ़ सकता है लॉकडाउन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कल शाम तक भारत में 6,761 लोगों के संक्रमण की पुष्टि हुई थी और मरने वालों की संख्या भी 206 थी। बता दें की 24 मार्च को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था। इसके बाद से भारत में लॉकडाउन का असर भी देखने को मिला था क्योंकि संक्रमण का खतरा बहुत कम था। वहीं अब लॉकडाउन खत्म होने के कुछ दिन पहले से ही ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में लॉकडाउन को 2 और हफ्तों के लिए बढ़ाने के सुझाव भी दिए जा रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लॉकडाउन पर राज्य सरकारों से उनके सुझाव मांगे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में भी सुझाव मांगे गए हैं की लोगों और सेवाओं की किन और अधिक श्रेणियों को छूट दिए जाने की जरुरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा कि अभी तक भारत में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण नहीं फैला है और वहीं  WHO ने भी अभी भारत को क्लस्ट केसेज की कैटेगरी में रखा है। ये कैटेगरी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण की कैटेगरी से नीचे आता है।

लॉकडाउन हटाने से बढ़ सकता है खतरा

WHO ने कहा कि इस भीषण महामारी को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंध जैसे लॉकडाउन को जल्दीबाजी में हटाना देश के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे कोरोना का खतरा और ज्यादा बढ़ सकता है। बता दें की पिछले साल दिसबंर में चीन से इस वायरस की शुरुआत हुई थी जिससे अभी तक दुनिया भर में 16 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, जबकि विश्व में मरने वालों की संख्या 1,00,000 को पार कर चुकी है।

भारत में भी कुछ राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। इनमें यूपी, एमपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे कई और राज्य भी शामिल है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की दर अभी तक सिर्फ 0.2 प्रतिशत ही रही है जबकि जांच 16,000 से ज्यादा लोगों की जांच की गई है। बता दें की भारत में अभी तक 1.5 लाख नमूनों की जांच की जा चुकी है।

कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है कोरोना

पीटीआई के आकंड़ों के अनुसार इस वायरस से देश में अब तक 7,510 लोग संक्रमित हुए है और कम से कम 251 लोगो की मौत हुई है।  कई राज्यों द्वारा दर्ज किए गए आंकड़ों को मिलाकर पीटीआई ने ये रिपोर्ट बताई है। साथ ही पीटीआई ने ये भी कहा है की अभी तक 700 लोग इलाज के बाद स्वस्थ भी हुए हैं और अस्पताल से घर जा चुके हैं।

भारत में कई राज्य कोरोना के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। महाराष्ट्र में 1, 574 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें करीब 1000 मामले मुंबई के हैं। वहीं 97 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। तमिलनाडु और दिल्ली में पॉजिटिव संक्रमण की संख्या 900 के पार है। राजस्थान में 500 और एमपी व यूपी में 400 से अधिक कोरोना पॉजिटिव के मामले दर्ज किए गए हैं। आंध्र प्रदेश और गुजरात में भी ये संख्या 400 के पार है। केरल में भी ये संख्या 300 के ऊपर पहुंच चुकी है।

कोरोना संक्रमित राज्यों ने दिए कुछ सुझाव

कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में 200 से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब में ये आंकड़ा 100 के पार जा चुका है। पंजाब में बढ़ते प्रकोप को देखकर सीएम अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन की अवधि को 30 अप्रैल तक कर दिया है। उनका मानना है की पंजाब में जिस कदर मामले बढ़ रहे वहां पर महामारी सामुदायिक प्रसार के चरण में प्रवेश कर सकती है। ओडिशा में सबसे पहले लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाया गया जिसके बाद पंजाब ने भी ये ही फैसला लिया है।

इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आने वाले त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वो 21 दिनों के लॉकडाउन का कठोरता से अनुपालन करवाएं और किसी भी सामाजिक या धार्मिक जलसे या जुलूस की अनुमित नहीं दी जाए।कुछ राज्यों ने लॉकडाउन को खोलने को लेकर तरह के सुझाव दिए है। जैसे केरल ने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोलने की बात कही है वहीं ज्यादातर राज्यों का कहना है की रेल, हवाई और बस सेवाएं लंबे समय के लिए स्थगित ही रहनी चाहिए। कई राज्यों ने माल ढुलाई को छोड़कर प्रदेशों के बॉर्डर को सील रखने की भी बात कही है। वहीं दिल्ली और यूपी में मास्क पहने बिना घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है।

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