अध्यात्म

9 अप्रैल से शुरू हो गया है वैशाख मास, इस महीने जरूर करें ब्रह्मा, विष्णु और मेहश की पूजा

9 अप्रैल से वैशाख मास शुरू हो गया है और ये मास हिन्दू कैलेंडर का दूसरा मास होता है। इस मास को बेहद ही विशेष मास माना जाता है और इस दौरान पूजा करने से भगवान आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं में इस महीने को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना कहा गया है। इसलिए जो भी लोग इस महीने भगवान विष्णु जी की पूजा करते हैं। उन लोगों की हर कामना को विष्णु जी पूरा कर देते हैं।

वैशाख मास 2020

इस वर्ष वैशाख मास 09 अप्रैल से शुरू हो रहा है जो कि 7 मई तक चलने वाला है। वैशाख मास में भगवान विष्णु के अलावा बह्म देव और महादेव की पूजा भी की जाती है। इस महीने इन तीनों देवों को सरल तरीके से खुश किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मास में मात्र जल चढ़ाने से ही ये तीनों देव खुश हो जाते हैं और इनकी कृपा बन जाती है।

वैशाख मास में क्या करें

  • वैशाख मास में तीर्थों का भ्रमण करना उत्तम माना गया है।
  • इस मास में जल का दान करने से हर कामना पूरी हो जाती है और यहीं वजह है कि ये महीना शुरू होते ही कई लोग अपने घरों या रास्तों पर शीतल पेयजल का पात्र रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मास के दौरान लोगों को जल पिलाने से वैकुण्ठ में सम्मान प्राप्त होता है।
  • वैशाख मास में दान करने का भी खासा महत्व होता है। इस महीने में गरीब लोगों को कपड़े, दाल, चावल, तिल और इत्यादि चीजों का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होता है।

 इस तरह से करें पूजा

वैशाख मास के दौरान तीनों देवों की पूजा करें। भगवान शिव जी की पूजा सुबह के समय करें और इनकी पूजा करते समय इन्हें जल जरूर अर्पित करें। शिव भगवान को मात्र जल अर्पित करने से आपके सारे काम बन जाएंगे। रोज सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर  स्नान करें और उसके बाद मंदिर जाकर शिव जी की पूजा करें। शिव जी की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले जल अर्पित करें। इसके बाद चंदन से उनका अभिषेक करें और उनको फूल और फल चढ़ाएं। इसके बाद उनके सामने एक दीपक जला दें और शिव जी के नाम का जाप कम से कम 21 बार करें। जाप पूरा करने के बाद खड़े होकर शिव जी की आरती गाएं। आप चाहें तो इस दिन शिव जी का व्रत भी कर सकते हैं।

गुरुवार के दिन विष्णु भगवान की पूजा करें। इनकी पूजा करने हेतु सबसे पहले स्नान कर खुद को पवित्र कर लें। उसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें। फिर मंदिर की सफाई करें और विष्णु जी को भोग लगाएं। इनके सामने एक दीपक जला दें और विष्णु जी से जुड़े पाठ को पढ़ें। इसके बाद तुलसी मां की पूजा भी करें और तुलसी के सामने घी का दीपक जलाना ना भूलें।

इसी तरह से आप बह्म देव की पूजा भी करें और बह्म देव की पूजा करते समय उन्हें कमल का फूल जरूर अर्पित करें।

हिन्दू कैलेंडर के 12 महीने के नाम

1. चैत्र

2. वैशाख

3. ज्येष्ठ

4. आषाढ़

5. श्रावण

6. भाद्रपद

7. आश्विन

8. कार्तिक

9. अगहन

10. पौष

11. माघ और

12. फाल्गुन

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