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कोरोना के बीच फसी थी बहन, भाई 1000 KM बाइक चलाकर लेने पहुंचा, जाने फिर क्या हुआ

कोरोना वायरस के चलते पुरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन हैं. इसका एक मतलब ये भी हुआ कि एक शहर से दुसरे शहर में जाने वाली बसे, ट्रेन और हवाई यात्राएं सब कुछ बंद हैं. ऐसे में कई लोग अपने घर जाना चाहते हैं लेकिन कोई यातायात का साधन ना मिल पाने की वजह से दुसरे शहर में अटके हुए हैं. ऐसे में एक भाई अपनी अटकी हुई बहन को लेने के लिए पुरे 1000 किलोमीटर बाइक चला कर गया. इस लम्बे सफ़र को तय करने में उसे 28 से 30 घंटे का समय लग गया. सूत्रों की माने तो युवक की बहन अपने 4 साल  की बेटी के साथ गलत ट्रेन में बैठ जयपुर चली गई थी, जबकि उसे पटना जाना था. ऐसे में उस महिला ने जयपुर के आसपास रहने वाले रिश्तेदारों से मदद भी मांगी थी लेकिन कोरोना के खौफ के चलते हर किसी ने महिला की मदद से इंकार कर दिया था. बस यही वजह थी कि जब उसके भाई को इसका पता चला तो वो बाइक लेकर अपनी बहन को लेने जा पहुंचा.

हम यहाँ जिस महिला की बात कर रहे हैं उसका नाम अस्मिता हैं. अस्मिता पटना की रहने वाली हैं. वो अपनी चार साल की बेटी को लेकर कुछ दिन के लिए माँ के पास नागपुर गई थी. 22 मार्च को अस्मिता को पटना स्थित घर जाना था. इसके लिए उनके घर वालों ने बकायदा टिकट भी बुक करवा दी थी. हालाँकि अस्मिता नागपुर रेलवे स्टेशन पर ‘बागमति एक्सप्रेस’ में बैठने की बजाए गलती से ‘मैसूर-जयपुर एक्सप्रेस’ में बैठ गई.

जयपुर पहुचते ही अस्मिता को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने ट्रेन से उतरते ही वहां मौजूद आरपीएफ से मदद मांगी. आरपीएफ ने महिला की बहुत सहायता की. उन्होंने महिला को वेट करने के लिए ना सिर्फ रेस्ट रूम में बैठाया बल्कि खाना पानी भी दिया. इसके बाद महिला के भाई को फोन लगाया गया. जब भाई को अपनी बहन की कंडीशन के बारे में पता चला तो वो अपनी बाइक से ही उसे लेने नागपुर से जयपुर चला गया. 1000 किलोमीटर के इस लम्बे सफ़र में वो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व राजस्थान के बॉर्डर से होकर गुजरा. ये लम्बा सफ़र तय करने में उसे करीब 30 घंटो का समय लगा. जयपुर आने के बाद वो बाइक से ही अपनी बहन को वापस नागपुर ले गया.

इस पूरी घटना की सोशल मीडिया पर बहुत तारीफ़ हो रही हैं. एक भाई ने आज अपनी बहन की रक्षा का कर्तव्य निभाया. गौरतलब हैं कि इस महिला की तरह देशभर में और भी कई लोग ऐसे हैं जो 21 दिन के लॉकडाउन में अपने घर जाना चाहते हैं लेकिन कोई यातायात के संसाधन ना होने की वजह से बेबस नजर आ रहे हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही मजदूरों की तस्वीरें वायरल हुई थी जिसमे वे लोग अपने वर्किंग शहर से पैदल ही घर जाने को मजबूर थे.

बताते चले कि देशभर में कोरोना के अब तक 700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इस वायरस की वजह से 20 लोगो की भारत में जान भी चली गई हैं. इसलिए लॉकडाउन इस समय बेहद जरूरी स्टेप हैं.

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