अध्यात्म

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पूजा पाठ क्यों नहीं करने दिया जाता? जाने वजह

‘मासिक धर्म’ एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिससे होकर प्रत्येक स्त्री को गुजरना पड़ता हैं. मासिक धर्म के चक्र को लेकर कई तरह की धार्मिक और सामजिक ग़लतफ़हमीयां भी मौजूद हैं. बल्कि सच्चाई तो ये हैं कि मासिक धर्म के चक्र से गुजरने के बाद स्त्रियाँ पुरुषों की तुलना में और भी ज्यादा शुद्ध, शक्तिशाली और प्रभावशाली हो जाती हैं. इस बात का जिक्र स्वयं माँ पार्वती ने शिवपुराण में किया हैं. मान्यता हैं कि यदि मासिक धर्म के दौरान कुछ ख़ास नियमों का पालन किया जाए तो महिला के सुहाग यानी उसके पति की आयु बढ़ती हैं. इसके साथ ही स्त्री का वैवाहिक जीवन आनंदमय और सुखमय तरीके से बीतता हैं. उसे कभी आर्थिक तंगी का सामना भी नहीं करना पड़ता हैं. तो चलिए मासिक धर्म से जुड़े कुछ धार्मिक नियमों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं.

घरेलु कार्य ना करे

धार्मिक पुराणों के अनुसार स्त्री को मासिक धर्म के दौरान घर के सभी काम काज नहीं करना चाहिए. इस दौरान आपको अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए. यदि किसी कारणवश ऐसा संभव ना हो तो स्नान करने के पश्चात ही भोजन बनाना शुरू करना चाहिए. ऐसा करना आपकी और परिवार के सदस्यों की सेहत के लिए लाभकारी माना जाता हैं.

श्रृंगार अवश्य करे

मासिक धर्म के दौरान आपको श्रृंगार करना नहीं छोड़ना चाहिए. बिखरे बाल, मेले कपड़े या उदास चेहरे ये सब नहीं चलता हैं. इस दौरान दुखी होकर रहना बुरा शगुन भी लाता हैं. इसलिए मासिक धर्म में अच्छे से तैयार होकर रहे और चेहरे पर मुस्कान बनाए रखे.

पूजा पाठ और दान धर्म से दूर रहे

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. इसके अलावा दान दक्षिणा जैसे काम भी इस दौरान ना करना ही बेहतर होता हैं. यह बात शिव पुराण में भी बतलाई गई हैं. इसकी वजह ये हैं कि मासिक धर्म में स्त्री का शरीर शुद्धिकरण की प्रक्रिया से होकर गुजरता हैं. इस वजह से शास्त्रों में महिलाओं को सांसारिक एवं देव-पितृ कार्यों से दूर रहने की सलाह दी गई हैं.

मासिक धर्म ख़त्म होने पर ये करे

जैसे ही आपका मासिक धर्म समाप्त हो जाए आप अपने पूर्ण शरीर का स्नान करे. इसमें सिर के बाल भी अवश्य धोए. इसके बाद संपूर्ण श्रृंगार करे और माँ पार्वती या देवी लक्ष्मी की पूजा करे. ऐसा करने के बाद ही अपने पति का चेहरे देखे. यदि पति मौजूद ना हो तो सूर्यदेव को भी देखा जा सकता हैं. ऐसा करने से आपके सुहाग यानी पति कि उम्र लंबी होती हैं. साथ ही आपके दाम्पत्य जीवन में सुख बढ़ जाता हैं.

बड़ो और गुरुओं के चरण स्पर्श ना करे

एक मान्यता ये भी हैं कि मासिक धर्म के दौरान आपको अपने से बढ़ो या गुरुओं के चरण स्पर्श करने से भी बचना चाहिए. कुछ लोग तो पति से दूर रहने की सलाह भी देते हैं. इसके पीछे वैज्ञानिक मत भी ये हैं कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इन्फेक्शन का ख़तरा अधिक रहता हैं इसलिए उन्हें इस दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए.

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