अध्यात्म

Navratri 2020: जानें कब हैं चैत्र नवरात्रि, कैसे करें घटस्‍थापना और पूजा की पूरी विधि

चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरू हो रहे हैं, जो कि 2 अप्रैल तक चलने वाले हैं। चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां की पूजा की जाती है और घर में कलश की स्थापना की जाती है। चैत्र नवरात्रि हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आते हैं। चैत्र नवरात्रि के लिए घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त 25 मार्च को सुबह 6 बजकर 19 मिनट शुरू हो जाएगा जो कि  7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। यानी आप इस मुहूर्त के दौरान ही घर में कलश की स्थापना करें। नवरात्रि के दौरान कलश स्थापित करना शुभ माना जाता है और ऐसा करने से घर में सुख और शांति कायम होती है। इसलिए आप नवरात्रि के पहले दिन कलश को जरूर स्थापित करें।

इस तरह से करें कलश की स्थापना

कलश की स्थापना करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। उसके बाद अपने पूजा घर को अच्छे से साफ कर दें। पूजा घर में एक चौकी रख दें और इस चौकी के ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। इस चौकी पर मां की फोटो या मूर्ति स्थापित कर दें। चौकी पर हल्दी और चावल की मदद से स्वस्तिक का निशान बना दें। चौकी को फूलों से सजा दें और चौकी पर कलश रख दें। पीतल धातु के कलश को जल से भर दें और इसपर आम के पत्ते रख दें। फिर एक नारियल लेकर उसपर लाल रंग की चून्नी लपेट दें और इस नारियल को कलश के ऊपर रख दें। चौकी के पास ही आप एक मिट्टी के पात्र में जौं को बो दें।

अब आप मां को एक फूलों की माला पहना दें। उसके बाद मां के सामने एक दीपक जला दें और मां की पूजा करें। आप दुर्गा मां से जुड़े पाठ भी पढ़ सकते हैं। पूजा करने के बाद मां की आरती जरूर करें। आप दिन में दो बार मां की पूजा करें। एक बार सुबह और दूसरी बार शाम सात बजे।


नवरात्रि के नौ दिनों तक ऐसे ही पूजा करें और रोज पूजा करने से पहले जौं को पानी जरूर दें। रामनवमी वाले दिन सुबह पूजा करें और मां को खीर पूरी का भोग लगाएं। उसके बाद कलश के पानी को तुलसी पर अर्पित कर दें। कलश पर रखे नारियल को फोड़ लें। कन्याओं को भोजन करवाएं और उन्हें नारियल बांट दें। कन्या को भोजन करवाने के बाद आप भी भोजन कर लें। अगर आपने व्रत रखा है तो आप अगले दिन भोजन करें। कई लोग नवरात्रि के दिन हवन भी करवाते हैं। इसलिए आप चाहें तो हवन भी करवा सकते हैं और हवन के बाद कन्या पूजा कर सकते हैं।

रखें इन बातों का ध्यान

  • नवरात्रि के नौ दिन आप प्याज और लहसुन वाला खाना ना बनाएं और ना ही शराब जैसी चीजों का सेवन करें।
  • रोज चौकी की सफाई करें और मां को ताजे फूल ही अर्पित करें।
  • जौं को रोज पानी दें।
  • मां के सामने रोज दीपक जरूर जलाएं और पूजा के बाद आरती करते हुए केवल कपूर का ही प्रयोग करें। कई लोग अगरबत्ती को जलाकर आरती करते हैं जो कि सही नहीं होता है। क्योंकि आरती करते समय केवल कपूर का प्रयोग करना ही उत्तम माना जाता है।

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