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बच्चों के बेहतर विकास के लिए जरूरी है दादा-दादी का साथ, जानिए कैसे?

इसमें कोई शक नहीं कि बचपन में जो हम वक्त दादा-दादी या फिर नाना-नानी के साथ बिताते हैं, वे हमारे जीवन के सबसे यादगार और सुखद पलों में से एक होते हैं। जो बच्चे दादा-दादी या नाना-नानी के साथ समय बिता चुके होते हैं, इन बच्चों की समझ कुछ ज्यादा ही विकसित होती है। साथ ही इस तरह के बच्चे मिलनसार स्वभाव के होते हैं और हमेशा खुश भी नजर आते हैं। आज के वक्त में दादा-दादी और नाना-नानी का साथ बच्चों को मिलना शहरी वातावरण की वजह से थोड़ा मुश्किल तो जरूर हो गया है, लेकिन इसके महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता। खुद विज्ञान इस बात की पुष्टि करता है कि बच्चों के लिए दादा-दादी और नाना-नानी का साथ जरूरी है। यहां हम आपको इसके महत्वपूर्ण होने की पांच ऐसी ही वजहों के बारे में विज्ञान के अनुसार बता रहे हैं।

बच्चों की खुशी और सुरक्षा के लिहाज से


मौजूदा समय में मां-बाप दोनों ही प्रायः काम करने के लिए बाहर जाते हैं। ऐसे में यदि घर में दादा-दादी या नाना-नानी होते हैं तो बच्चों के लिए अलग से दाई रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। इनके साथ बच्चे खुश रहते हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव उनके विकास पर पड़ता है। आज के दौर में जब बच्चों को किसी बाहरी के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता तो ऐसे ही घर में दादा-दादी और नाना-नानी के होने से उनके पास बच्चों रखना सबसे सुरक्षित होता है।

जड़ों से जुड़ पाते हैं बच्चे

जब बच्चों को दादा-दादी और नाना-नानी का साथ मिलता है तो वे अपने परिवार के इतिहास को धीरे-धीरे समझ पाते हैं। वे परिवार की जड़ों से जुड़ने भी लगते हैं। प्रेम और स्नेह जैसी भावना उनके अंदर भरने लगती है। वे दूसरों को आदर और सम्मान देना सीखने लगते हैं। बच्चे इस तरीके से लचीले बनते हैं और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं। परिवार की कठिनाइयों की समझ होने से वे बाकी बच्चों की तुलना में अधिक परिपक्व और स्मार्ट भी हो जाते हैं।

मजबूत बनते हैं भावनात्मक तरीके से


बच्चे जब दादा-दादी या नाना-नानी के साथ रहते हैं तो भावनात्मक तरीके से मजबूत हो जाते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से भी एक अध्ययन में यह पाया गया है कि दादा-दादी के साथ रहने वाले बच्चे डिप्रेशन चिंता और तनाव जैसी चीजों से या अकेलापन से शायद ही प्रभावित होते हैं। वह इसलिए कि भावनात्मक तरीके से इनकी मजबूती बाकी बच्चों की तुलना में कहीं ज्यादा होती है।

सीखते हैं नैतिकता


दादा-दादी या नाना-नानी के साथ रहने पर बच्चे उनसे प्रेरणास्पद कहानियां सुनते रहते हैं। इससे उनके अंदर नैतिकता विकसित होने लगती है, जो आगे चलकर न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज और देश के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होती है। इसलिए बच्चों को दादा-दादी या नाना-नानी के साथ रखना बहुत ही फायदेमंद नैतिक दृष्टिकोण से भी होता है।

बच्चों के साथ दादा-दादी, नाना-नानी भी खुश


दादा-दादी या नाना-नानी के साथ रहने से बच्चों को तो लाभ मिलते ही हैं, साथ में दादा-दादी और नाना-नानी भी खुश रहते हैं। अकेलेपन की वजह से जो उन्हें भूलने आदि की बीमारी होती है, उसके वे कम ही शिकार होते हैं, क्योंकि बच्चों के साथ उन्हें प्यार की अनुभूति होती है और उनका मन भी लगा रहता है।

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