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राहुल गांधी किसानों की कर्जमाफ़ी का वादा पूरा नहीं कर पाए तो माफ़ी मांगने पर मजबूर हुई कांग्रस

मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने किए वादों से डगमगाने लगी हैं. जब एमपी में विधानसभा चुनाव का माहोल था तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा करा था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती हैं तो वे 10 दिनों के अंदर किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ़ कर देंगे. इतना ही नहीं तब राहुल ने ये भी कहा था कि यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो अपना सीएम भी बदल देंगे. अब इस वादे के कई महीनो बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री गोविंद सिंह का इसी बात को लेकर एक ताजा बयान आया हैं. गोविंद सिंह ने अपने कर्ज माफ़ी के वादे को पूरा ना कर पाने के लिए आम जनता से माफ़ी मांगी हैं. बता दे कि गोविंद सिंह कांग्रेस में सामान्य प्रशासन मंत्री हैं.

हम पहले भी जीरो थे, और इस बार भी जीरो हैं। इसलिए यह हमारी नहीं भाजपा की हार है - कांग्रेस

गोविंदजी ने अपने भाषण में राहुल गांधी के किसानो के कर्ज माफ़ी वाले वादे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी ने कहा था कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम दस दिनों में किसानो के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ़ कर देंगे. पर ऐसा नहीं हो सका. विपक्ष का कहना हैं कि हमने आपको धोखा दिया हैं. मैं ये कहना चाहूँगा कि स्थिति थोड़ी कठिन हैं इस वजह से कर्ज माफ़ी में विलंब हो रहा हैं.’


गोविंद सिंह ने आगे अपने इस वादे को पूरा ना कर पाने का दोष भाजपा पर मड़ते हुए कहा कि पिछली सरकार हमारे ऊपर 14 हजार करोड़ रुपए का कर्जा छोड़ गई हैं, इस वजह से हमारी सरकार वित्तीय दबावों से गुजर रही हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस बड़े हाथ पैर मारने के बाद मध्यप्रदेश में पुरे 15 साल बाद अपनी सरकार बना पाई थी. इसके पहले यहाँ भाजपा के शिवराज सिंह चौहान का राज था.  सूत्रों की माने तो कमलनाथ सरकार ने थोड़े बहुत छोटे किसानों की कर्जमाफी की है लेकिन लेकिन राहुल गांधी ने वादा 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ़ करने का किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा न कर पाने की स्थिति में वो अपने मुख्यमंत्री को बदले देंगे।

उधर कांग्रेस की धीमी कर्ज माफी प्रक्रिया देखते हुए भाजपा ने आरोप लगाया कि एमपी में कांग्रेस सरकार को साल भर से ज्यादा होने को आया हैं लेकिन फिर भी वे राहुल गांधी द्वारा किये गए वादे को पूरा नहीं कर पाए.

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