राजनीति

25 विदेशी दूतों ने किया जम्मू-कश्मीर का ग्राउंड रियलिटी चेक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं से की मुलाकात

विदेशी राजदूतों का एक प्रतिनिधिमंडल बधुवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आया है और इस दौरे के दौरान इस प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर और जम्मू की स्थिति का जायजा लिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में 25 विदेशी राजदूत शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर से वापस लिए विशेष राज्य के दर्जे के बाद से दुनिया भर में जम्मू-कश्मीर चर्चा का विषय बना हुआ है और इस समय जम्मू-कश्मीर की स्थिति क्या है, इसकी जांच करने के लिए फ्रांस, इटली, न्यूजीलैंड, जर्मनी, कनाडा और अफगानिस्तान समेत 25 विदेशी राजदूत बधुवार को जम्मू-कश्मीर आए हैं।

किए गए हैं सुरक्षा के कड़े इंतजाम

25 विदेशी राजदूतों के दल के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और जहां पर इन राजदूतों को ठहराया गया है। उस जगह को पूरी तरह से सुरक्षाकर्मी द्वारा घेरा गया है। आपको बता दें कि पिछले महीने भी विदेशी राजनयिक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए थे और उनके द्वारा श्रीनगर और जम्मू की स्थिति का जायजा लिया गया था। विदेश मंत्रालय के सचिव पश्चिम विकास स्वरुप के अनुसार यूरोपीय संघ के राजदूत सहित कई देशों के दूतों का दूसरा बैच जम्मू – कश्मीर के दौरे पर आया है और इस दौरे के दौरान ये लोग इस राज्य के हालात कैसे हैं इसका पता लगाएंगे।

इस दौरे के दौरान ये प्रतिनिधिमंडल पहले श्रीनगर गया था और आज जम्मू में है। इस प्रतिनिधिमंडल द्वारा कश्मीर घाटी में सुरक्षा के हालातों का जायजा लिया गया। जायजा लेने के अलावा ये प्रतिनिधिमंडल व्यापारियों और कई स्थानीय प्रतिनिधिमंडलों से भी मिला है और उनसे जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में पता किया है।निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस प्रतिनिधिमंडल को पहले पूरा शहर घुमाया गया था और उसके बाद इन्हें कश्मीर के पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाए गए थे।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के इस प्रतिनिधिमंडल का मुख्य मकसद इस दौरे के जरिए जम्मू कश्मीर की जमीनी स्थिति का पता लगाना है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान समय-समय पर भारत सरकार पर कई आरोप लगाते हुए नजर आया है। वहीं पिछले साल जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान की और से भारत पर जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब करने का आरोप लगाया गया था। पाकिस्तान शुरू से ही ये दावा करता आ रहा है कि जम्मू- कश्मीर में लोगों की हालत सही नहीं और उनपर भारतीय सेना द्वारा कई अत्याचार किए जा रहे हैं। पाकिस्तान के इन आरोप को भारत सरकार ने बार- बार खारिज किया है और हर बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस मुद्दे में भारत सरकार का ही साथ दिया है। वहीं अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जन्मू-कश्मीर में हालात कैसे हैं इसको जानने के लिए ये प्रतिनिधिमंडल इस दौरे पर आया है।

गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को  मोदी सरकार  द्वारा जम्मू – कश्मीर राज्य को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया गया था और इस राज्य को  केंद्र शासित राज्य बनाया गया था। भारत सरकार के इस फैसले के बाद से ये प्रतिनिधिमंडल दूसरी बार जम्मू और कश्मीर के दौरे पर आया है। इस दौरे के दौरान भारत सरकार विदेशी प्रतिनिधिमंडल को घाटी में व्यापार करने के लिए प्रेरित भी कर रही है। ताकि इस राज्य का विकास अच्छे से हो सके।

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