राजनीति

देशद्रोही शरजील इमाम को फिर मिली 14 दिनों की जेल, आवाज के नमूने के जांच में लगी पुलिस

शरजील इमाम को देश के प्रति गद्दारी करने के आरोप में बुधवार के दिन कोर्ट के सामने हाज़िर किया गया था. अदालत ने क्राइम ब्रांच को शरजील इमाम की आवाज का सैंपल लेने की इजाजत दे दी है. अब गुरुवार के दिन क्राइम ब्रांच सीएफएसएल लैब में शरजील इमाम की आवाज का सैंपल लेकर उसकी जांच करेगी. वहीं अदालत ने शरजील इमाम को 14 दिन की पुलिस रिमांड में जेल भेज दिया है. दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार के दिन पुलिस को देश के प्रति गद्दारी करने के आरोप में अरेस्ट जेएनयू स्टूडेंट शरजील इमाम की आवाज का सैंपल लेने की इजाजत दी. पुलिस शरजील की आवाज के सैंपल को उस वीडियो क्लिप से मिलाएगी जिस पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा है.

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने दिल्ली पुलिस के एक आवेदन पत्र पर यह आदेश जारी किया है और निर्देश दिया है कि देश को बांटने की बात करने वाले शरजील इमाम (जो अभी पुलिस की हिरासत में है) को 13 फरवरी को सीएसएसएल में हाजिर किया जाए.

बता दें कि शरजील इमाम की 6 दिनों की न्यायिक हिरासत बुधवार के दिन खत्म हुई थी. शरजील को 28 जनवरी के दिन बिहार के जहानाबाद जिले के काको से गिरफ्तार किया गया था. इमाम को कथित रूप पर प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ भड़काने वाली स्पीच देने और देश के प्रति गद्दारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार करने के बाद उसे 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. 5 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद में शरजील की हिरासत में 3 दिनों की बढ़ोतरी कर दी गई.

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6 फरवरी के दिन शरजील को 6 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया और उसे रिमांड का समय खत्म होने के बाद कोर्ट के सामने हाजिर किया गया. शरजील के खिलाफ 26 जनवरी के दिन क्राइम ब्रांच ने राजद्रोह का मामला दर्ज किया. यह मामला 13 जनवरी के दिन लोगों के सामने एक बहुत ही भड़काऊ भाषण देने के लिए दर्ज किया गया है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए देश के प्रति गद्दारी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आईपीसी की धारा 124 ए के अंतर्गत मुजरिम को 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा होती है. दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को शाहीन बाग में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आए शरजील के ऊपर सीएए और एनआरसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दायर किया था.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी अयोध्या के राम मंदिर फैसले के विरोध में शरजील ने एक कैंपेन की शुरुआत की थी, इस कैंपेन का नाम था जस्टिस डिनाइड. इसके बाद सोशल मीडिया पर देश के प्रति गद्दारी करने के लिए शरजील का बहुत विरोध किया गया था. अभी शाहीन बाग़ में हुए दंगे फसाद के लिए शरजील को ही दोषी माना जा रहा है. पुलिस के मुताबिक देश के अंदर रहकर देशवासियों के बीच फुट डालने और देशद्रोह करने के लिए शरजील से पूछताछ की जा रही है. यह भी कहा जा रहा है की पुलिस पूछताछ के दौरान उनके और भी साथियों के नाम का पता चल सकता हैं. फ़िलहाल सभी लोग यही उम्मीद कर रहे है की इस देशद्रोही को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.

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