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नतीजों के बाद मनोज तिवारी ने किया इस्तीफे की पेशकश, पार्टी स्वीकार करने से किया इंकार

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों भाजपा को अपमानजनक हार का सामना करने के एक दिन बाद आज 12 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। हालांकि, पार्टी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

इस्तीफे का अस्वीकार होना मनोज तिवारी के लिए राहत की बात हो सकती है, मंगलवार के चुनावी परिणाम आने के बाद से उन के निष्कासन की अफवाह उड़ रही थी। माना जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व फिलहाल इस बदलाव के पक्ष में नहीं है।

सूत्रों ने को बताया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास भेजे गए इस्तीफा को अस्वीकार करते हुए पार्टी नेतृत्व ने मनोज तिवारी को कहा भाजपा की दिल्ली इकाई में एक ‘गार्ड ऑफ चेंज’ होगा और तब “संरचनात्मक परिवर्तन” किए जाएंगे और फिलहाल उन का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा

आंतरिक कलह भाजपा की दिल्ली इकाई हमेशा एक बहुत बड़ी समस्या रही है। विजय गोयल के फोल्लोवेर्स का एक सेट है, तिवारी का एक और सेट है और इसी तरह हर्षवर्धन को मानने वालों का भी एक समूह है

पिछले एक साल से अधिक समय से मनोज तिवारी को दिल्ली में के भाजपा प्रमुख पद से हटाने के लिए मांगें की जा रही हैं । लेकिन तब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली चुनावों को ध्यान में रखते हुए इन माँगों को मानने से इनकार कर दिया
था, जहाँ पूर्वांचलियों की संख्या बहुत अधिक है वहाँ मनोज तिवारी अक्सर अपनी राजनीतिक यूएसपी के रूप में अपनी पूर्वांचली मूल की झलक दिखाते हैं।

लेकिन मंगलवार को AAP की 62 सीटों के मुकाबले बीजेपी केवल आठ सीटें जीतने में सफल रही, इसके बाद पार्टी गंभीरता से दिल्ली इकाई के पूर्ण पुनर्जीवन के बारे में विचार कर सकता है दिल्ली के चुनाव परिणामों की समीक्षा करने और जवाबदेही तय करने के लिए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार शाम को एक बैठक बुलाई है।

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