विशेष

बॉक्सिंग के लिए छोड़ दी थी बोर्ड परीक्षा, अब 15 साल की उम्र में हासिल किया ‘गोल्डन गर्ल’ का खिताब

अगर किसी इंसान के मन में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो किस्मत भी उसका साथ देती है. ऐसे ही कुछ हुआ है निवेदिता के साथ. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कनालीछीना विकासखंड के रणुवा गांव में रहने वाली बॉक्सर निवेदिता कार्की ने अपने बाक्सिंग के सपने को सच करने के लिए अपनी पढाई तक छोड़ दी थी. निवेदिता ने अपना बॉक्सिंग का सपना पूरा करने के लिए बोर्ड परीक्षा भी नहीं दी थी. हाल ही में निवेदिता ने बोरास (स्वीडन) में होने वाले गोल्डन गर्ल अंतरराष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप को जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किया है. ये मुकाबला दो फरवरी को हुआ जिसमे निवेदिता ने 48 किलो भारवर्ग में आयरलैंड की कैरलैग मारिया को 5-0 से हराया.

इसे निवेदिता का खेलों के प्रति जुनून नहीं कहेगे तो और क्या कहेगे कि उन्होंने अपनी 10वीं की बोर्ड परीक्षा से ज़्यादा बॉक्सिंग ट्रेनिंग को इम्पोर्टेंस दी. अपनी बेटी की तरक्की के लिए उसका पूरा साथ देने वाली फैमिली को निवेदिता की इस उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. कनालीछीना विकासखंड के छोटे से गांव रणुवा की निवासी गोल्डन गर्ल निवेदिता कार्की ने केवल 15 साल 10 महीने की उम्र में इंटरनेशनल खिताब हासिल किया है. निवेदिता ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई द एशियन एकेडमी पिथौरागढ़ से की है. निवेदिता ने बॉक्सिंग की बारीकियां पिथौरागढ़ के देवसिंह मैदान में कोच प्रकाश जंग थापा से सीखीं हैं.

बाद में निवेदिता आवासीय बालिका बॉक्सिंग क्रीड़ा छात्रावास पिथौरागढ़ की छात्रा भी रहीं, जहां पर उन्होंने प्रशिक्षक सुनीता मेहता से प्रशिक्षण हासिल किया. हॉस्टल में ट्रेनिंग के दौरान ही मार्च 2019 में निवेदिता का सिलेक्शन खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत नेशनल एकेडमी रोहतक (हरियाणा) के लिए हो गया. उस वक़्त निवेदिता 10वी की स्टूडेंट थी और उसी समय बोर्ड की परीक्षा शुरू होने वाली थी पर बॉक्सिंग की बेहतरीन खिलाड़ी निवेदिता की फैमिली ने 10 वीं बोर्ड से अधिक अहमियत निवेदिता के खेल प्रशिक्षण को दी. सिलेक्शन होने के बाद निवेदिता को ट्रेनिंग के लिए नेशनल एकेडमी रोहतक भेज दिया. आज फैमिली और निवेदिता का त्याग बहुत अच्छा परिणाम लेकर आया है. निवेदिता इस साल रोहतक से ही 10वीं की परीक्षा देने की तैयारी कर रही हैं. आज के समय में निवेदिता नेशनल एकेडमी रोहतक में भारतीय यूथ महिला बॉक्सिंग टीम के मुख्य प्रशिक्षक भाष्कर चंद्र भट्ट से ट्रेनिंग ले रही है.

अभी निवेदिता की फैमिली देहरादून में रह रही है. निवेदिता के इस स्वर्णिम सफलता हासिल करने के बाद देहरादून के शिमला बाईपास स्थित आवास पर रविवार के दिन से जश्न का माहौल बना हुआ था. सभी लोग निवेदिता की मां पुष्पा कार्की और भाई वरुण कार्की को बधाई देने के लिए आ रहे. अपनी बेटी की सफलता पर निवेदिता की मां पुष्पा कार्की अपने घर में आने वाले सभी मेहमानो का मुंह मीठा करतीं रहीं निवेदिता के पिता का नाम बहादुर सिंह कार्की है. ये इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नई दिल्ली में इमीग्रेशन ऑफिसर के पद पर कार्य करते हैं.

Back to top button