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पिता के जाने के बाद ठेला लगाने को मजबुर हुआ मासूम, फेसबुक पर शेयर हुई कहानी तो ऐसे बदली किस्मत

आज के समय में भले ही ज़्यादातर लोग सोशल मीडिया की बुराई करते रहे हों, लेकिन बिहार राज्य के पश्चिम चंपारण के बगहा क्षेत्र में रहने वाले एक असहाय और मजबूर परिवार के लिए यह सोशल मीडिया भगवान् का रूप साबित हुआ. बिहार राज्य के बगहा नगर क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 के निवासी राजन गोड़ की मृत्यु आज से चार महीने पहले हो गयी थी. राजन के परिवार में 55 वर्षीय विधवा मां, पत्नी और छह बच्चे है. राजन अपने परिवार में कमाने वाले सिर्फ एक ही शख्स थे जो माँ पत्नी और बच्चों के भरण पोषण का एकमात्र सहारा थे. राजन के मरने के बाद पूरा परिवार अनाथ और बेसहारा हो गया. राजन के मरने के बाद पूरे परिवार पर दुखों के बादल छा गए. इन सभी लोगों के पास ज़िंदगी बिताने के लिए दो वक़्त के भोजन का भी कोई सहारा नहीं रहा. पिता की मृत्यु के बाद परिवार वालो का पेट भरने के लिए राजन के नौ साल के बेटे सुनील ने अपने पिता से विरासत में मिले भूजा और आलूचॉप के ठेले को अपना सहारा बनाया. यहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है की 9 साल का सुनील रोज़ाना सुबह अपने घर से ठेला लेकर रेलवे स्टेशन के बाहर लगाने लगा और लोगों को भूजा और आलूचॉप बेचने लगा.

जब ये मासूम अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए जद्दोजहद कर रहा था तो इसी बीच एक हफ्ते पहले वहां पर रहने वाले स्थानीय एक व्यक्ति और सामाजिक कार्यकर्ता अजय पांडेय की नजर उस पर पड़ी जो कंपकपाँति ठंड में ग्राहकों का इंतजार करते हुए अपने ठेले के पास खड़ा था. अजय पांडेय ने सुनील से उसके बारे में पूछताछ करने के बाद उसकी तस्वीर और उसके परिजनों की कहानी अपने फेसबुक वॉल पर शेयर कर दी. फेसबुक पर सुनील की कहानी पोस्ट करने के बाद लोगो के मन में सुनील को मदद करने की भावना जाग्रत हुई. अजय पण्डे के द्वारा किये गए इस पोस्ट ने सुनील का पूरा जीवन बदल दिया. सभी लोग सुनील की सहायता करने लिए सामने आने लगे. एक हफ्ते के अंदर फेसबुक पर शेयर किया गया यह पोस्ट लोगों के मन में संवेदना का केंद्र बन गया. सुनील के पड़ोस में रहने वाले हरि प्रसाद भी सुनील के परिवार की सहायता करने के लिए आगे आए और सुनील का फिर से स्कूल में एडमिशन करवाया.

हरि दूसरे माता पिता की तरह रोज़ाना सुनील को स्कूल पहुंचाने जाते हैं.सामाजिक कार्यकर्ता अजय ने सुनील की मां का बैंक में अकाउंट भी खुलवा दिया और अपने फेसबुक पर सुनील की माँ का एकाउंट नंबर भी शेयर कर दिया. अजय का कहना हैं कि बैंक अकाउंट नंबर में भी बहुत से लोग कैश भेजकर सुनील के परिवार की सहायता कर रहे हैं. अजय बताते हैं कि सुनील की मां के अकाउंट में अभी तक लगभग 45 हजार रुपये नकद भेज चुके हैं. कई लोग सुनील की दादी के लिए इंदिरा आवास दिलाने के लिए कोशिस कर रहे हैं. सुनील भी लोगो की इस कोशिश की तारीफ़ करते नहीं थक रहा. सुनील का कहना है की वो पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बनना चाहता है.

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