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रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ में इस बहादुर IPS अफसर का किरदार निभा रहें अक्षय कुमार

‘सूर्यवंशी’ फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई है और इस साल ये मूवी रिलीज होने वाली है। ‘सूर्यवंशी’ को रोहित शेट्टी द्वारा बनाया गया है और ये फिल्म एक एक्शन फिल्म है। ‘सूर्यवंशी’ में अभिनेता अक्षय कुमार एक पुलिस वाले की भूमिका निभा रहे हैं। बेहद ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि ‘सूर्यवंशी’ तपे सांगाराम जांगिड़ नामक पुलिस अधिकार के जीवन पर बनाई गई है। तपे सांगाराम जांगिड़ एक भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारी थे जिन्होंने बावरिया गैंग को पकड़ा था।

तपे सांगाराम जांगिड़ वर्ष 1985 में भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) में चयनित हुए थे और ये अपने जिले के प्रथम आइपीएस थे। इन्होंने कई सालों तक तमिलनाडु पुलिस में अपनी सेवाएं दी थी। साल 2005 को तपे सांगाराम जांगिड़ द्वारा बावरिया गैंग को पकड़ा गया था। ये गैंग लूटपाट और हत्या की वारदातों को अंजाम देता था। बावरिया गैंग ने तमिलनाडु और आंध्रपदेश राज्य में करीब 24 लूटापाट की हत्याओं को अंजाम दिया था। इस गैंग द्वारा विधायक टी.सुदर्शन और कांग्रेस नेता टीएम नटराजन की हत्या की गई थी। जिसके बाद तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने इस गैंग को पकड़ने की जिम्मेदारी तपे सांगाराम जांगिड़ को दी थी और इनकी अगुवाई में एक टीम बनाई थी।

जूती की मदद से पकड़ा गैंग को

विधायक की हत्या को लेकर जब तपे सांगाराम जांगिड़ ने अपनी जांच शुरू की तो उन्हें हत्या वाली जगह से एक जूती मिला था और इसी जूती की मदद से जांगिड़ अपराधी को पकड़ने में सफल हुए थे। दरअसल जूती के आधार पर जांगिड़ ने इस चीज का अनुमान लगाया कि ये हत्या करने वाला उत्तर भारत का हैं। क्योंकि दक्षिण भारत राज्य में जूती नहीं पहनी जाती है।

अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए जांगिड़ ने राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश राज्य में आरोपियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया। पांच महीनों तक ऑपरेशन चलाने के बाद एक आरोपी पकड़ा गया। दरअसल घटनास्तर से जांगिड़ की टीम को फिंगर प्रिंट मिला था। जो कि आगरा जेल में 1996 में बंद रहे एक आरोपी से मैच हुआ था। फिंगर प्रिंट मिलने के बाद जांगिड़ की टीम ने आरोपी की पकड़ने की कोशिश की और कई जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी में जांगिड़ ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया। जिनकी मदद से गैंग के मुखिया ओम बावरिया को पकड़ा जा सका। ओम बावरिया को हिरासत में लेने के बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। ओम बावरिया सहित उसके गैंग के एक सदस्यों को दोषी मानते हुए अदालत ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। जबकि अन्य आरोपियों को भी अलग-अलग सजाएं दी गई।

इस तरह से देता था वारदातों को अंजाम

सांगाराम जांगिड़ के अनुसार ओम बावरिया गैंग बेहद की शातिर तरीके से वारदातों को अंजाम दिया करता था। इस गैंग के लोग ट्रकों में सवार होकर वारदात वाली जगह पर पहुंचते थे और वारदात को अंजाम देने के बाद हाइवों पर चलने वाले ट्रकों से लिफ्ट लेकर दूसरी जगह चले जाते थे।

देशभर में हुई थी चर्चा

ओम बावरिया गैंग लूट करने के बाद मालिकों की बुरी तरह से हत्या कर देता था और ये गैंग सदा सुर्खियों में रहा करता था। इस गैंग को पकड़ने के बाद जांगिड़ को कई सारे मैडल भी मिले थे। वहीं पिछले साल ही जांगिड़ रिटायर हो गए हैं।

बन रखी है तेलुगू फिल्म

ओम बावरिया गैंग को किस तरह से जांगिड़ ने पकड़ा था। इस पर एक तेलुगू फिल्म भी बनाई गई थी जिसका नाम थीरन था। ये फिल्म जबरदस्त हिट रही थी। वहीं अब रोहित शेटी भी इसी विषय पर ‘सूर्यवंशी’ फिल्म ला रहे हैं।

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