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CAA पर कांग्रेस के नेता सिब्बल ने दिया बयान, कहा हर राज्य की सरकार को करना होगा CAA कानून लागू

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हाल ही में कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने एक बयान दिया है और अपने बयान में कपिल सब्बल ने कहा है कि इस कानून को लागू करने से कोई राज्य मना नहीं कर सकता है। कपिल सब्बल द्वारा दिए गए इस बयान से ये बात साफ है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का पालन हर राज्य को करना होगा। गौरतलब है कि गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकार नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में नहीं है और इस कानून का विरोध कर रही हैं। इतना ही नहीं कई राज्य सरकार ने इस काननू के खिलाफ बिल भी पारित कर दिया है।

हाल ही में कपिल सब्बल जो कि पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री भी रहे चुके हैं, उन्होंने केरल साहित्य उत्सव के दौरान बयान देते हुए कहा है कि, नागरिकता संशोधन कानून पारित हो चुका है। कोई भी राज्य सरकार ये नहीं बोल सकती है कि वो इसे लागू नहीं करना चाहती हैं। कानून को लागू ना करना संभव नहीं है और ये असंवैधानिक है।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जो राज्य की सरकारें विरोध कर रही हैं उस पर कपिल सब्बल ने कहा,  आप इस कानून का विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं, केंद्र सरकार से ये कानून वापस लेने की मांग भी कर सकते हैं। लेकिन संवैधानिक रूप से ये कहना कि हम इसे लागू नहीं करेंगे ये सही नहीं होगा और ऐसा करना परेशानियां पैदा कर सकता है।

कानून के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव

केरल की सरकार और पंजाब की सरकार ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था। केरल राज्य CAA कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला पहला राज्य बना है। वहीं पंजाब राज्य ने इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि ये कानून देश की धर्मनिरपेक्षता को चोट पहुंचता है और ये कानून समानता के अधिकार का हनन है। इन दोनों राज्यों के अलाव राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सरकार ने भी CAA कानून,  राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) का विरोध किया है।

गौरतलब है कि CAA कानून पास किए जाने के बाद केंद्रीय सरकार ने राज्य सरकारों को ये आदेश दिया है कि वो अपने राज्य में रहने वाले शरणार्थियों की सूची गृह मंत्रालय को सौंपे। ताकि शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून (CAA)  के तहत नागरिकता दी जा सके। केंद्रीय सरकार के इस आदेश का पालन केवल उन्हीं राज्यों की सरकरा द्वारा किया गया है जहां पर बीजेपी की सरकार है। यूपी सरकार ने ये आदेश मिलने के बाद अपने राज्य के 19 जिलों में रहने वाले शरणार्थियों के नाम गृह मंत्रालय को भेज दिए हैं जो कि नागरिकता पाने के योग्य है।

हो रहा है विरोध

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर के कई हिस्सों में विरोध भी हो रहा है। वहीं पीएम मोदी ने इस कानून को देश के हित में बताया है और लोगों को विपक्षी पार्टियों की बातों में ना आने की सलाह दी है।

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