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जानिए, आखिरकार सेना के जवानों ने कैसे बचाई बर्फ में दबी हुई गर्भवती महिला की जान!

भारतीय सेना की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। 24 घंटे शरहद पर रहकर भयानक ठंढ, बारिश, गर्मी झेलकर देश की रक्षा दुश्मनों से करते हैं। कभी-कभी समय पड़ने पर किसी प्राकृतिक आपदा में भी लोगों के जान-माल की रक्षा करते हैं। इनके वीरता की जितनी भी मिशाल दी जाए वह कम ही पड़ जाती है। जिस जगह पर इंसान जाने से डरते हैं, वैसी जगहों पर यह रहकर देश की रक्षा करते हैं। कई बार इसी वजह से ये शहीद भी हो जाते हैं।

भारत पर नज़र गड़ाए बैठे हैं दुश्मन:

अगर आज देश का हर नागरिक अपने घरों में सुकून से बैठा हुआ है तो यह सेना के जवानों की वजह से ही संभव हो सका है। वरना आप तो जानते ही हैं कि भारत के कई दुश्मन हैं, जो हर वक़्त नज़र गड़ाए बैठे रहते हैं कि कब मौका मिले और भारत पर आक्रमण करके इसे अपने कब्जे में ले लिया जाए। भारतीय सेना के इस साहसिक कदम की वजह से एक परिवार की खुशियाँ बरकार रही। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर भारतीय सेना ने ऐसा क्या कर दिया।

भूस्खलन से जाम हो गया रास्ता:

दरअसल यह घटना जम्मू-कश्मीर की है। वहाँ भयानक बर्फ़बारी की वजह से तंगधार इलाके में बर्फ़बारी की वजह से भूस्खलन हो गया और रोड जाम हो गयी, इसी वजह से रास्ते से गुज़र रही एक एम्बुलेंस भी फँस गयी। उस एम्बुलेंस के अन्दर एक गर्भवती महिला और एक बीमार बच्चा था साथ में परिवार के 7 अन्य लोग भी थे। एम्बुलेंस के अन्दर फँसे लोगों की बुरी हालत हो चुकी थी। तभी सेना के जवानों ने मिलकर इन सबकी जान बचा ली और इन्हें एक नई जिंदगी दी।

एम्बुलेंस से बाहर निकलने में थे असमर्थ:

आपको बता दें ये लोग तंगधार से चोवकीबल जा रहे थे और रास्ते में भूस्खलन की वजह से एम्बुलेंस बुरी तरह फँस गयी। लोग खुद से बाहर निकल पाने से पूरी तरह से असमर्थ थे। 10000 फीट की ऊँचाई पर तो हालत ख़राब होना लाजिमी था, लेकिन रात से साथ ठंढ भी बढ़ने लगी उससे और हालत खराब हो गयी। गर्भवती महिला का समय से अस्पताल पहुँचना भी जरुरी था। सही समय पर सेना का बचाव दल वहाँ पहुँचकर रास्ते को साफ़ किया और सबकी जान बचा ली। उसके बाद जरुरी मेडिकल केयर भी उपलब्ध कराया। महिला को नजदीकी कैंप तक भी ले जाया गया। सेना के इस कदम से पुरे एक परिवार की जान बच गयी। इसके लिए सेना का जितना शुक्रिया अदा किया जाए, कम है।

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