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प्रेरक कथा: कामयाबी पाने के लिए केवल अपने लक्ष्य पर ही अपनी ऊर्जा खर्च करें

12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है। स्वामी विवेकानंद जी दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं और आज भी लोगों को शिकागो में इनके द्वारा दिया गया भाषण याद है। हर साल इनके जन्मदिवस को धूमधाम से मनाया जाता है और इनकी जंयती के दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।स्वामी विवेकानंद जी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य हुआ करते थे और इन्होंने रामकृष्ण परमहंस मिशन की स्थापना की थी। स्वामी जी के जीवन से कई सारे प्रेरक प्रसंग जुडे़ हुए हैं। जो कि युवाओं के मन में जोश भर देते हैं और उन्हें जीवन जीने का सही तरीका बताते हैं। स्वामी विवेकानंद जी द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने से सुखी और सफलता आसानी से हासिल हो जाती है। आज हम आपको इनसे जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग बताने जा रहे हैं।

एक बार स्वामी विवेकानंद जी के आश्रम में एक व्यक्ति आता है जो कि अपने जीवन से बेहद ही दुखी होता है। ये व्यक्ति स्वामी विवेकानंद से मिलकार उन्हें कहता है कि मैं अपने जीवन से दुखी हूं। लाख मेहनत के बाद भी मैं सफल नहीं हो पा रहा हूं। इतना पढ़ा लिखा होने के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिल रही है। कृपा करके आप मेरी मदद करें और मुझे सही रास्ता दिखाएं। मैं ऐसा क्या करूं की मैं कामयाब हो जाऊं ? इस व्यक्ति की बात सुनने के बाद स्वामी विवेकानंद ने कहा कि अगर तुम्हारे पास समय है तो तुम मेरे इस कुत्ते को सैर करवा दो। सैर के बाद मैं तुम्हें तुम्हारी समस्या का हल बता दूंगा।

स्वामी विवेकानंद जी की बात को मानते हुए ये व्यक्ति उनके कुत्ते को सैर पर ले गया। सैर से वापस आने के बाद ये व्यक्ति कुत्ते को लेकर स्वामी विवेकानंद जी के पास गया और उनसे कहने लगा, मैंने आपके कुत्ते को सैर करवा दी है। कृपा आप मुझे मेरी समस्या का हल बता दें। स्वामी विवेकानंद जी ने व्यक्ति से सवाल करते हुए कहा, पहले तुम मुझे ये बताओ की मेरा कुत्ता इतना थका हुआ क्यों है? स्वामी विवेकानंद का सवाल सुनने के बाद व्यक्ति ने उन्हें बताया कि मैं तो अपने रास्ते पर सीधे चल रहा था। मगर आपका कुत्ता गली के सारे कुत्तों के पीछे भाग रहा था और उनसे लड़ रहा था। जिसके कारण वो थक गया।। इस कुत्ते ने आज खूब दौड़ लगाई है।

पूरी बात सुनने के बाद स्वामी जी ने कहा,  यहीं तुम्हारी समस्या का हल है। लेकिन व्यक्ति को स्वामी विवेकानंद जी की बात समझ नहीं आई और उसने स्वामी विवेकानंद से पूछा कि कुत्ता थका हुआ है ये कैसे मेरी समस्या का हल हो सकता है। तब स्वामी विवेकानंद जी ने व्यक्ति को समझाते हुए कहा कि मेरा कुत्ता अपने लक्ष्य से भटकर इधर-उधर भगाने लगा। जिसके चलते वो थक गया और अपने लक्ष्य से भटक गया। उसी तरह से तुम भी परेशानियों के बारे में सोचकर अपने लक्ष्य से भटक रहे हो। तुम केवल अपने लक्ष्य पर ही ध्यान दो ना कि अपनी परेशानियों पर। परेशानियों के बारे में सोचकर तुम केवल अपनी ऊर्जा व्यर्थ कर रहे हो। अपनी ऊर्जा का सही प्रयोग करो और केवल अपने लक्ष्य पर ही इसे व्यर्थ करो।

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