अध्यात्म

6 जनवरी को है पुत्रदा एकादशी, जानिए व्रत रखने के नियम और पूजा विधि

पौष महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ये एकादशी हर साल दो बार आती है। इस साल यानी साल 2020 में ये एकादशी 6 जनवरी को आ रही है। ऐसी मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से पुत्र की प्राप्ति होती है। इसलिए जिन लोगों को पुत्र नहीं है वो लोग इस एकादशी का व्रत जरूर करें।

कैसे करें पुत्रदा एकादशी व्रत और पूजा

  • पुत्रदा एकादशी का व्रत 6 जनवरी को आ रहा है। हालांकि इसकी शुरूआत 5 जनवरी की रात से ही हो जाएगी। इसलिए पुत्रदा एकादशी का व्रत करने वाले लोग दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत के नियमों का पालन करना शुरू कर दें और दशमी के दिन सूर्यास्त होने के बाद भोजन ना खाएं। इसके अलावा रात को सोने से पहले भगवान विष्णु का ध्यान करें।
  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। हो सके तो पानी में गंगा जल डालकर नहाएं और शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा घर की सफाई करें।
  • पूजा करते समय सबसे पहले व्रत रखने का संकल्प लें। अपने सीधे हाथ में थोड़ा सा जल रखें और अपने मन में व्रत रखने का संकल्प लेते हुए भगवान से प्रार्थना करें की वो आपके मन की कामना को पूरा कर दें। इसके बाद इस पानी को धरती पर छोड़ दें।
  • संकल्प लेने के बाद अपनी पूजा शुरू करें और सबसे पहले श्रीहरि विष्णु की फोटो के सामने एक दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद  विष्‍णु को नए वस्त्र अर्पित करें और फूल- माला चढ़ाएं।
  • कलश में लाल वस्त्र बांधकर उसकी स्थापना करें और कलश की पूजा करें।
  • भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा को भोग लगाएं और तुलसी का पत्ता अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान लगाएं।
  • एकादशी के दिन जितना हो सके उतना भजन-कीर्तन करें।
  • पूरे दिन किसी भी चीज का सेवन ना करें और रात के समय केवल फलाहार ही खीएंं ।
  • अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और  दान-दक्षिणा दें। इसके बाद अपना व्रत तोड़ दें।

एकादशी के नियम

  • अगर आप एकादशी का व्रत नहीं रखते हैं तो इस दिन कांसे के बर्तन में भोजन करें और खाने में केवल मसूर की दाल ही खाएं।
  • इस दिन भोजन बनाते समय उसमें प्याज और लहसून का प्रयोग ना करें।
  • एकादशी के नियमों के तहत इस दिन केवल जमीन पर ही बैठना और सोना चाहिए।
  • एकादशी के दिन तुलसी की पूजा जरूर करें और इस दिन तुलसी का पत्ता बिलकुल ना तोड़े।
  • एकादशी के दिन किसी से भी लड़ाई ना करें और ना ही किसी जीव जंतु को मारें। ऐसा करने से पाप लगता है।

ये लोग जरूर रखें पुत्रदा एकादशी का व्रत

जिन दंपत्तियों को संतान होने में बाधाएं आ रही हैं वो ये व्रत जरूर करें। ये व्रत रखने से पुत्र प्राप्ति की कामना पूरी हो जाती है। इसके अलावा अगर आपकी कोई मनोकामना है जो कि पूरी नहीं हो रही है तो आप इस व्रत को जरूर करें। ये  व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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