अध्यात्म

इन 5 विवाह को देखने के लिए आए थे सभी भगवान, दिया था आशीर्वाद

हिंदू धर्म में विवाह को सबसे पवित्र माना जाता है। ये बंधन न सिर्फ इंसानों के लिए मायने रखता है, बल्कि भगवान के लिए भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। पुराणों के मुताबिक, हिंदू धर्म में कई ऐसे विवाह हैं, जिसे देखने के लिए सभी भगवान मौजूद रहें। जी हां, भगवान उन विवाहों के प्रत्यक्षदर्शी बने और नवविवाहितों को आशीर्वाद भी दिया। इतना ही नहीं, इन विवाहों की चर्चा आपको पुराणों में भलीभांति मिल जाएगी, लेकिन यहां आपको उन विवाहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें देखने के लिए स्वयं भगवान भी मौजूद रहें और जमकर पुष्पवर्षा भी की।

1. राम और सीता का विवाह

रामायण के मुताबिक, राम और सीता का विवाह इतिहास का सबसे ज्यादा चर्चित विवाह है। इस विवाह में शामिल होने के लिए न सिर्फ आम लोग उत्साहित थे, बल्कि सभी भगवान इसमें शामिल होना चाहते थे। इतना ही नहीं, इस विवाह में त्रिदेव समेत सभी भगवान किसी न किसी रुप में शामिल ही हुए थे। कहा जाता है कि इनका विवाह देखने को स्वयं ब्रह्मा, विष्णु एवं रूद्र ब्राह्मणों के वेश में आए थे, जिसके बाद इनकी शादी धूमधाम से हुई थी। बताया जाता है कि राम और सीता को सभी देवी और देवताओं का आशीर्वाद मिला था।

2. शिव, पार्वती और सती का विवाह

भगवान शिव ने सबसे पहले सती के साथ विवाह किया था। इस विवाह को देखने के लिए सभी देवगढ़ मौजूद रहें। ये विवाह काफी कठिन परिस्थितियों में हुआ था। ब्रह्मा जी के कहने पर सती के पिता ने शिवजी के साथ विवाह कराने के लिए तैयार हुआ थे, लेकिन फिर सती ने खुद को आग के हवाले कर लिया, जिसके बाद शिवजी का विवाह पार्वती के साथ हुआ। शिव और पार्वती के विवाह में भी सभी देवता बाराती बन कर गए थे और आशीर्वाद दिए थे।

3. गणेश जी का विवाह

गणेश जी का विवाह काफी रोचक परिस्थितियों में हुआ। दरअसल, उनका विवाह नहीं हो रहा था, लेकिन फिर उनका विवाह एक नहीं, बल्कि दो कन्याओं के साथ हुआ। बता दें कि पुराणों के अनुसार, गणेश जी का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री ऋद्धि और सिद्धि नामक दो कन्याओं से हुआ था। सिद्धि से ‘क्षेम’ और ऋद्धि से ‘लाभ’ नाम के दो पुत्र हुए, जिन्हें शुभ लाभ के नाम से जाना जाता है। गणेश जी के विवाह में सभी देवता शामिल हुए थे और उन्हें आशीर्वाद भी दिया था।

4. विष्णु और लक्ष्मी का विवाह

पुराणों में विष्णु और लक्ष्मी के विवाह का भी खूब जिक्र है। दरअसल, लक्ष्मी का स्वयंवर आयोजित हुआ था और उन्होंने विष्णु को मन ही मन अपना पति मान लिया था, ऐसे में नारद जी भी उनसे विवाह करना चाहते थे, लेकिन फिर लक्ष्मी ने विष्णु के गले में वरमाला डाल दिया, जिसके बाद नारद जी काफी उदास हो गए। बता दें कि इस शादी को भी सभी देवताओं का आशीर्वाद मिला था।

5. रुक्मणी और कृष्ण का विवाह

रुक्मणी और कृष्ण का विवाह भी बेहद रोचक परिस्थितियों में हुआ था, जिससे जुड़े तमाम किस्से पुराणों में मौजूद हैं। इन किस्सों के मुताबिक, इस विवाह में सभी देवतागढ़ शामिल हुए थे और उन्होंने इस जोड़े को अपना आशीर्वाद दिया था।

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