रिलेशनशिप्स

दुश्मन भी दोस्त बन गले लगा लेगा बस करना होगा ये छोटा सा काम

दुश्मनी एक ऐसी चीज हैं जो किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती हैं. हर किसी की लाइफ में दोस्त और दुश्मन दोनों ही होते हैं. इन दोनों का अर्थ एक दुसरे से काफी उल्टा होता हैं. हालाँकि कई बार ऐसा भी हो जाता हैं कि हमारा खुद का दोस्त ही दुश्मन बन जाता हैं. ये चीज आप ने कई बार देखी या सुनी होगी. हालाँकि क्या आप ने कभी सोचा हैं कि आपका दुश्मन आपका दोस्त भी बन सकता हैं. दुश्मन से दोस्त का बनना बहुत कम देखने को मिलता हैं क्योंकि कोई इस बारे में सोचता ही नहीं हैं. वैसे आप इस बात पर गौर करे तो इसके कई सारे फायदे भी हैं. यदि आप अपने दुश्मन को ही दोस्त बना लेंगे तो दुश्मनी का कोई टेंशन ही नहीं रहेगा. आपकी काफी सारी एनर्जी भी बच जाएगी जो आप पहले दुश्मनी निकालने में खर्च किया करते थे.

अब आप में से कई लोग कहेंगे कि हम भला दुश्मन को दोस्त क्यों बनाए? तो देखिये ऐसा है कि एक मौका तो सभी को देना ही चाहिए. खासकर तब जब दुश्मनी की वजह कोई ज्यादा बड़ी ना हो या फिर दुश्मन आपका पहले अच्छा दोस्त हुआ करता था. वैसे ये सिचुएशन ना हो तो भी यदि आप सामने वाले को माफ़ कर उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं तो इसमें आपका ही बड़प्पन दीखता हैं. कई बार तो दुश्मनी के बाद होने वाली दोस्ती और भी गहरी हो जाती हैं. ऐसे में अब लाख टके का सवाल यही उठता हैं कि दुश्मन को दोस्त कैसे बनाया जाए. तो चलिए आज हम आपको इसके कुछ ख़ास तरीके बताते हैं.

दुश्मन को दोस्त बनाने का सबसे पहला तरिका हैं कि माफ़ी मांग ली जाए या माफ़ कर दिया जाए. अर्थात दुश्मनी की वजह आपकी कोई गलती थी तो आप आगे रहकर माफ़ी मांग ले, वहीं सामने वाले कि गलती थी तो उसे माफ़ कर दे. इस तरह दुश्मनी बहुत हद तक कम हो जाएगी.

दूसरा तरीका ये भी हैं कि आप अपनी दुश्मनी की असली जड़ ढूंढें. जब आपको वो समस्यां की जड़ मिल जाए तो अपने दुश्मन से आमने सामने प्यार से बातचित कर उस समस्यां की जड़ को उखाड़ फेके. मतलब उस प्रॉब्लम को हल करने का तरीका खोजे. इस तरह कोई वजह ही नहीं होगी तो फिर दुश्मनी किस बात की.

तीसरा तरीका ये हैं कि आप दुश्मन को खाने पर बुलाए या उसके साथ कही बाहर पार्टी कर ले. खाना एक ऐसी चीज हैं जो कई दिलों को आपस में जोड़ देता हैं. इसके साथ ही आप अपने दुश्मन या उसके किसी करीबियों के लिए कोई अच्छा काम या मदद भी कर सकते हैं. इससे उसका ह्रदय परिवर्तन हो जाएगा और वो भी अपने मन से दुश्मनी का भाव निकाल देगा.

एक बात जीवन में याद रखे कि ये जिंदगी चार दिन की हैं. इसलिए किसी का दिल दुखाने से या दुश्मनी मोल लेने से कोई फायदा नहीं हैं. यदि आप दोस्ती ना भी करना चाहते हैं तो कम से कम बड़ी वाली दुश्मनी भी ना रखे. उस इंसान को भूल जाए और लाइफ में आगे बड़े.

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