Spiritual

इस तरह से करें मां लक्ष्मी पूजन (Laxmi Pooja), जीवन में कभी भी नहीं होगी धन की कमी

लक्ष्मी पूजन (laxmi pooja) करने से धन से जुड़ी तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं और लक्ष्मी मां की कृपा बन जाती है। ये जरूरी नहीं है कि आप laxmi pooja दीपावली के दिन ही करें। आप किसी भी शुभ दिन या शुक्रवार के दिन लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं।

लक्ष्मी पूजन अगर विधि अनुसार किया जाए, तो इस पूजन का फल तुरंत मिल जाता है। हालांकि कई लोगों को लक्ष्मी पूजन (laxmi pooja) की विधि क्या होती है और मां को किस तरह से प्रसन्न किया जा सकता है। इसकी जानकारी नहीं होती है। दरअसल लक्ष्मी पूजन की विधि को कई चरणों में किया जाता है।

लक्ष्मी पूजन

लक्ष्मी पूजन करते समय आप नीचे बताई गई विधि का पालन करें। नीचे बताई गई लक्ष्मी पूजन की विधि बेहद ही सरल है और आप इसे आसानी से घर में कर सकते हैं।

लक्ष्मी पूजन की विधि (Laxmi Pooja)

लक्ष्मी पूजन की विधि को षोडशोपचार पूजा के नाम से भी जाना जाता है और इस पूजा विधि को 16 चरणों में किया जाता है। दीपावली के दौरान यही पूजा विधि की जाता है।

ध्यान (Dhyana)

लक्ष्मी पूजन

लक्ष्मी पूजन की विधि के पहले चरण के तहत ध्यान (Dhyana) लगाया जाता है और मां को याद किया जाता है। ध्यान लगाने से पहले आप अपने सामने लक्ष्मी मां की मूर्ति रख लें और मां का ध्यान करें।

आवाहन (Aavahan)

मां लक्ष्मी का ध्यान करने के बाद उनका आवाहन किया जाता है। आवाहन करते समय हम मां को आने का निमंत्रण देते हैं। मां लक्ष्मी का आवाहन करते समय उनकी मूर्ति पर फूल अर्पित करें और नीचे बताए गए मंत्र को बोलें-

आगच्‍छ देव-देवेशि! तेजोमय‍ि महा-लक्ष्‍मी !
क्रियमाणां मया पूजां, गृहाण सुर-वन्दिते !
।। श्रीलक्ष्‍मी देवीं आवाह्यामि ।।

पुष्पाञ्जलि आसन (Pushpanjali Asana)

मां का आवाहन करने के बाद आप पांच तरह के फूल मां की मूर्ति के सामने रखें और नीचे बताए गए मंत्र का जाप करते हुए एक-एक फूल को छोड़े।

नाना रत्‍न समायुक्‍तं, कार्त स्‍वर विभूषितम् ।
आसनं देव-देवेश ! प्रीत्‍यर्थं प्रति-गह्यताम् ।।
।। श्रीलक्ष्‍मी-देव्‍यै आसनार्थे पंच-पुष्‍पाणि समर्पयामि ।।

स्‍वागत

लक्ष्मी पूजन

मां का आवाहन और उनको फूल चढ़ाने के बाद मां का स्वागत किया जाता है और मां का स्वागत करते हुए ‘श्रीलक्ष्‍मी देवी! स्‍वागतम् मंत्र का उच्‍चारण किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ है कि हम मां का सच्चे मन से स्वागत करते हैं।

पाद्य

लक्ष्मी पूजन की विधि के अगले चरण को पाद्य कहा जाता है। इस चरण में मां के पैरों को जल से धोया जाता है और मां के पैर धोते हुए नीचे बताए गए मंत्र को बोला जाता है। ये मंत्र इस प्रकार है।

पाद्यं गृहाण देवेशि, सर्व-क्षेम-समर्थे, भो: !
भक्तया समर्पितं देवि, महालक्ष्‍मी ! नमोsस्‍तुते ।।
।। श्रीलक्ष्‍मी-देव्‍यै पाद्यं नम:।।

अर्घ्‍य

मां लक्ष्मी (laxmi pooja) के पैरों को जल से साफ करने के बाद मां को अर्घ्य दी जाती है और अर्घ्य देते समय नीचे दिए गया मंत्र पढ़ा जाता है।

नमस्‍ते देव-देवेशि ! नमस्‍ते कमल-धारिणि !
नमस्‍ते श्री महालक्ष्‍मी, धनदा देवी ! अर्घ्‍यं गृहाण ।
गंध-पुष्‍पाक्षतैर्युक्‍तं, फल-द्रव्‍य-समन्वितम् ।
गृहाण तोयमर्घ्‍यर्थं, परमेश्‍वरि वत्‍सले !
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै अर्घ्‍यं स्‍वाहा ।।

स्‍नान

लक्ष्मी पूजन

मां को स्नान कराने के लिए  दूध, दही, घी, शहद और चीनी के मिश्रण को मिलाकर पंचामृत बना जाता है और इससे मां को स्नान करवाया जाता है। मां पर पंचामृत डालने के बाद शुद्ध जल डाला जाता है और नीचे बताए गए मंत्र को बोला जाता है।

गंगासरस्‍वतीरेवापयोष्‍णीनर्मदाजलै: ।
स्‍नापितासी मय देवी तथा शांतिं कुरुष्‍व मे ।।
आदित्‍यवर्णे तपसोsधिजातो वनस्‍पतिस्‍तव वृक्षोsथ बिल्‍व: ।
तस्‍य फलानि तपसा नुदन्‍तु मायान्‍तरायश्र्च ब्रह्मा अलक्ष्‍मी: ।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै जलस्‍नानं समर्पयामि ।।

वस्‍त्र

लक्ष्मी पूजन

लक्ष्मी पूजन की विधि (laxmi pooja) के अगले चरण में वस्त्र दान किये जाते हैं। मां लक्ष्‍मी को मोली वस्त्र के रूप में अर्पित किया जाता है और मोली को अर्पित करते समय नीचे बताए गए मंत्र का जाप किया जाता है।

दिव्‍याम्‍बरं नूतनं हि क्षौमं त्‍वतिमनोहरम् ।
दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ।।
उपैतु मां देवसख: कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतो सुराष्‍ट्रेsस्मिन् कीर्तिमृद्धि ददातु मे ।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै वस्‍त्रं समर्पयामि ।।

आभूषण

लक्ष्मी पूजन

वस्त्र अर्पित करने के बाद मां को आभूषण चढ़ाए जाते हैं और इस मंत्र का जाप किया जाता है-

रत्‍नकंकड़ वैदूर्यमुक्‍ताहारयुतानि च ।
सुप्रसन्‍नेन मनसा दत्तानि स्‍वीकुरुष्‍व मे ।।
क्षुप्तिपपासामालां ज्‍येष्‍ठामलक्ष्‍मीं नाशयाम्‍यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वात्रिर्णद मे ग्रहात् ।।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै आभूषणानि समर्पयामि ।।

सिंदूर

लक्ष्मी पूजन

लक्ष्मी पूजन की विधि (laxmi pooja) के अगले चरण के तहत लक्ष्‍मी मां को सिंदूर चढ़ाया जाता है और इस मंत्र को बोला जाता है।

ॐ सिन्‍दुरम् रक्‍तवर्णश्च सिन्‍दूरतिलकाप्रिये ।
भक्‍त्या दत्तं मया देवि सिन्‍दुरम् प्रतिगृह्यताम् ।।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै सिन्‍दूरम् सर्पयामि ।।

कुमकुम

मां को कुमकुम चढ़ाते हुए नीचे बताए गए मंत्र को बोलें।

ॐ कुमकुम कामदं दिव्‍यं कुमकुम कामरूपिणम् ।
अखंडकामसौभाग्‍यं कुमकुम प्रतिगृह्यताम् ।।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै कुमकुम सर्पयामि ।।

अक्षत

लक्ष्मी पूजन

मां को कुमकुम चढ़ाने के बाद साफ और बिना टूटे हुए अक्षत चढ़ाएं और अक्षात चढा़ते समय ये मंत्र बोलें-

अक्षताश्च सुरश्रेष्‍ठं कुंकमाक्‍ता: सुशोभिता: ।
मया निवेदिता भक्‍तया पूजार्थं प्रतिगृह्यताम् ।।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै अक्षतान् सर्पयामि ।।

पुष्‍प

लक्ष्मी पूजन

मां को कमल का पुष्‍प समर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें।

यथाप्राप्‍तऋतुपुष्‍पै:, विल्‍वतुलसीदलैश्च ।
पूजयामि महालक्ष्‍मी प्रसीद मे सुरेश्वरि ।
।। श्रीलक्ष्‍मी देव्‍यै पुष्‍पं सर्पयामि ।।

अंग पूजन

अंग पूजन के तहत हाथ में फूल, चावल और चंदन लेकर दाहिने हाथ से मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा को रखें और नीचे बताए मंत्र को बोलें।

ॐ चपलायै नम: पादौ पूजयामि ।
ॐ चंचलायै नम: जानुनी पूजयामि ।
ॐ कमलायै नम: कटिं पूजयामि ।
ॐ कात्‍यायन्‍यै नम: नाभि पूजयामि ।
ॐ जगन्‍मात्रै नम: जठरं पूजयामि ।
ॐ विश्‍व-वल्‍लभायै नम: वक्ष-स्‍थलं पूजयामि ।
ॐ कमल-वासिन्‍यै नम: हस्‍तौ पूजयामि ।
ॐ कमल-पत्राक्ष्‍यै नम: नेत्र-त्रयं पूजयामि ।
ॐ श्रियै नम: शिर पूजयामि ।

मंत्र बोलने के बाद मां के सामने धूप और दीपक जलाएं और मां को भोग अर्पित करें। मां से जुड़ा पाठ करें और अंत में मां लक्ष्‍मी की आरती करें। लक्ष्मी पूजन की विधि (laxmi pooja) समाप्त होने के बाद माँ लक्ष्मी की आरती ज़रूर करें।

मां लक्ष्‍मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

टिप्पणियां
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

यह भी पढ़ें – Shani Dev Mantra In Hindi

Back to top button
Slot Online https://kemenpppa.com/ slot gacor pengeluaran macau slot pulsa 5000 slot gacor slot gopay slot777 amavi5d sesetoto mixparlay sontogel slot gacor malam ini Situs Toto togel macau pengeluaran sdy Situs Toto Situs Toto titi4d Situs Slot Toto Slot https://www.dgsmartmom.com/ slot mahjong Situs Toto titi4d Situs Slot Situs Toto titi4d kientoto https://wonderfulgraffiti.com/ Toto Slot Slot Togel slot online sesetoto Winsortoto ilmutoto https://pleasureamsterdamescort.com/ slot gacor terbaru PITUNGTOTO situs togel kientoto slot gacor slot gacor slot gacor https://iwcc-ciwc.org/ sulebet Slot demo agen bola terpercaya vegas969 pascol4d slot gacor slot88 slot gacor slot thailand slot gacor venom55 angker4d mayorqq kiostoto taruhanbola taruhanbola naruto88 leon188 login kientoto paten188 slot gacor kapakbet babeh188 naruto88 4d babeh188 https://www.raars.zaragoza.unam.mx/fruit-boom/ leon188 naruto 88 naruto 88 Wikatogel slot toto slot toto macau toto slot situs toto toto togel https://id.desapujonkidul.net/ toto togel online toto togel toto togel toto togel toto slot slot gacor situs toto toto slot https://www.crossover.org.au/ titi4d karatetoto mmatoto situs toto toto slot toto slot mahongtoto situs toto toto slot toto togel toto togel toto slot toto slot toto slot kaskus288 Data sgp Pengeluaran sdy toto slot Data hk situs toto sukutoto https://news.stkipyasika.ac.id/ https://www.b254.com/email/ netralbet sukutoto https://resolutionmag.com https://www.sbfhc.org/contact/ https://ciesas.edu.mx/