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बेटी की विदाई के 5 मिनट बाद ही अस्पताल पहुंचकर किया पोस्टमॉर्टम, वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप

कई लोगों के लिए उनका काम ही उनका जीवन होता है और अपने काम के साथ वो किसी भी तरह का समझौता नहीं करते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही किस्सा देखने को मिला है। जहां पर एक व्यक्ति अपनी बेटी को विदा करने के तुरंत बाद अपने काम पर चले गया और अपनी जिम्मेदारी को निभाया। दरअसल राजस्थान के कोटा में रहने वाले रमेश चौहान की बेटी की शादी बुधवार को थी। शादी होने के बाद सुबह जैसे ही उनकी बेटी की विदाई हुई, उस समय रमेश चौहान के पास  अस्पताल से फोन आ गया और अस्पताल से फोन आने के तुरंत बाद ही रमेश चौहान रिश्तेदारों को बिना कुछ बाते काम पर चले गए। रमेश चौहान रावतभाटा रेफरल अस्पताल में कार्य करते हैं और पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों की मदद करते हैं। वहीं बेटी शादी के बीच में ही एक पोस्टमॉर्टम के चलते रमेश चौहान को अस्पताल बुलाया गया। जिसके बाद रमेश चौहान बिना अपने कपडे़ बदले सीधे अस्पताल चले गए और अस्पताल में जाकर पोस्टमॉर्टम करने लगे।

कपड़ों पर लगी थी हल्दी

रमेश चौहान ने अपनी बेटी की शादी में नीले रंग का कोट पेंट पहना हुआ था और  सिर पर साफा बंधा था। वहीं अस्पताल से कॉल आने पर रमेश चौहान ने अपने कपड़े तक नहीं बदले और सीधा काम पर चले गए। वहीं रमेशा चौहान की एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है। जिसमें वो शादी के कपड़ों में है और पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं। तस्वीर में रमेश चौहान ने कोट पेंट पहन रखा है और उनके कोट पेंट पर हल्दी लगी हुई है।

 

बताया जा रहा है कि रमेश चौहान की शादी बधुवार को थी और अगले दिन सुबह 8:30 बजे बेटी की विदाई करके रमेश चौहान अपने रिश्तेदारों के साथ अपने घर पहुंचे थे। वहीं घर पहुंचते ही रमेश चौहान को अस्पताल से फोन आ गया और छुट्टी पर होने के बाद भी रमेश चौहान तुरंत अस्पताल चले गए। पूरी रात तक बेटी की शादी में जगे रहने के बाद भी रमेश चौहान ने अपने फर्ज को निभाया।  रमेश पोस्टमार्टम में डॉक्टरों का सहयोग करते हैं और उनके बिना पोस्टमाॅर्टम नहीं हो सकता था। वहीं रमेश को पगड़ी पहने और शादी के कपड़ों में देख डॉक्टर भी हैरान हो गए।

खबर के अनुसार रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ. अनिल जाटव के साथ रमेश ने पोस्टमाॅर्टम किया था। दरअसल  बुधवार को परमाणु बिजलीघर के कर्मचारी दिनेश खत्री ने आत्महत्या कर ली थी और अगले दिन उसका पोस्टमाॅर्टम किया जाना था। पोस्टमाॅर्टम के दौरान डॉक्टर को सहयोग कर्मचारी की जरूर थी और ऐसा में रमेश चौहान को फोन किया गया था। वहीं फोन आने पर रमेश चौहान ने डॉक्टर से कहा कि बेटी की विदाई होते ही मैं ड्यूटी पर आ जाऊंगा और अपने इस वादे को रमेश चौहान ने पूरा भी कया। अपने काम के प्रति रमेश चौहान ने जो जज्ब दिखाया है उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है।

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