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चाणक्य नीति: जीवन में सफल होने के लिए कभी भी ना करें इन 4 बेशकीमती चीजों को अनदेखा

आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां बेहद ही कारगर साबित होती हैं और इन नीतियों को अपनाने से जीवन सफल हो जाता है। जो लोग इन नीतियों का पालन करते हैं वो जीवन में हर चीज को हासिल कर लेते हैं। इसलिए आप अपने जीवन में अगर कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन जरूर करें। आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई ऐसी 4 चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो इस दुनिया की सबसे बेशकीमती चीजें है और जीवन में इन चीजों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।

आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से इन चार बेशकीमती चीजों के बारे में बताया है और ये श्लोक इस प्रकार है।

चाणक्य नीति श्लोक
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा।
न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।

तो आइए नजर डालते हैं इस श्लोक में बताई गई इन चार बेशकीमती चीजों पर जिनके बिना जीवन में कामयाबी नहीं पाई जा सकती है।

कभी भी ना करें इन 4 बेशकीमती चीजों को अनदेखा

समय समय पर करें दान

दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है और जो लोग चीजों का दान करते हैं उनको हर पाप से मुक्ति मिल जाती है। पानी और भोजना का दान करना महादान माना गया है। आचार्य चाणक्य के अनुसार दान करना बेहद ही बेशकीमती चीज है और हर मनुष्य को समय-समय पर चीजों का दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि भूखे-प्यासे लोगों को भोजन देने से आत्म को पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए दान दुनिया की चार सबसे बेशकीमती चीजों में से एक है।

एकादशी तिथि पर करें पूजा

एकादशी तिथि को बेहद ही पवित्र तिथि माना जाता है और इस तिथि पर किए गए कार्य सदा सफल होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार हर मनुष्य को एकादशी तिथि पर व्रत रखना चाहिए और पूजा-आराधना करनी चाहिए। एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गौरतलब है कि हर महीने एकादशी आती हैं और इन एकादशी में से 11 एकादशी तिथि को बेहद ही पवित्र तिथि माना गया है। इसलिए आप एकादशी तिथि पर पूजा-आराधना जरूर करें।

गायत्री मंत्र का जाप करना

गायत्री मंत्र को महा मंत्र माना गया है और इस मंत्र का जाप करने से हर कार्य पूर्ण हो जाती है। आचार्य चाणक्य के अनुसार इस दुनिया में गायत्री मंत्र से बड़ा और कोई मंत्र नहीं है। इसलिए हर किसी को रोज तीन बार  माता गायत्री को समर्पित ये मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए।

 मां- बाप का प्यार

जो चौथी और आखिरी चीज आचार्य चाणक्य द्वारा इस दुनिया में सबसे बेशकीमती बताई गई है वो माता और पिता का प्यार है। इस दुनिया में मां का स्थान सबसे ऊंचा होता है। जो व्यक्ति अपने माता-पिता की सेवा करते हैं और उनकी हर बात मानते हैं वो जीवन में सुखी रहते हैं। इसलिए आप भी इस बेशकीमती रिश्ते का अदर करें और भूलकर भी अपने मां बापा का दिल ना दुखाएं। आपके माता-पिता जो कहें उस बात का पालन करें।

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