अध्यात्म

17 नवंबर को मनाई जाएगी सूर्य संक्रांति, इस दिन करें यह काम होगी धन और पुण्य की प्राप्ति

जिस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि के अंदर प्रवेश करते हैं, उस दिन संक्रांति का पर्व मनाया जाता है और हिन्दु पंचांग के अनुसार साल में कुल 12 संक्रांति आती हैं। हर राशि में सूर्य एक महीने तक रहते हैं और संक्रांति के पर्व को बहुत ही पवित्र माना जाता है। सूर्य के तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करने को वृश्चिक संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस साल वृश्चिक संक्रांति 17 नवंबर के दिन आ रही है और इस दिन सूर्य भगवान वृश्चिक राशि के अंदर प्रवेश कर रहे हैं। वृश्चिक संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का और दान देने का बेहद ही महत्व माना जाता है।

कब है वृश्चिक संक्रांति और शुभ मुहूर्त

वृश्चिक संक्रांति 17 नवंबर 2019 के दिन आ रही है और इस दिन रविवार है। वृश्चिक संक्रांति पुण्यकाल समय सुबह 6:48 से दोपहर 12:12 तक रहे। जबकि वृश्चिक संक्रांति महापुण्यकाल का समय सुबह 6:48 से सुबह 8:36 तक है।

वृश्चिक संक्रांति का महत्व

  • वृश्चिक संक्रांति के दिन व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिन छात्रओं द्वारा व्रत रखा जाता है तो उन्हें अपने करियर में सफलता मिलती है और वो जो बनना चाहते हैं वो बन जाते हैं।
  • इस दिन दान करने का भी बेहद ही महत्व है और ऐसा माना जाता है कि जो लोग वृश्चिक संक्रांति के दिन खाने पीने की चीजों या वस्तुओं का दान करते हैं उनको जीवन में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है।
  • इस दिन कई लोगों द्वारा गाय का भी दान किया जाता है और गाय का ये दान ब्राह्मण को दिया जाता है।

वृश्चिक संक्रांति पूजन विधि

  • वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य और विष्णु की पूजा की जाती है।
  • इस दिन आप विष्णु जी और सूर्ये देव के सामने एक घी का दीपक जला दें और इस दीपक के अंदर थोड़ा सा लाल चंदन डाल दें। इसके बाद विष्णु जी और सूर्य देव को लाल रंग का फूल अर्पित करें और गुड़ से बने हलवे का भोग लगाएं।
  • लाल रंग का मौली आप भगवान की मूर्ति पर रखें और “ॐ दिनकराय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • पूजा पूरी करने के बाद भोग को लोगों में बांट दें।
  • इसके बाद आप सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के लिए आप ताबें के लोटे का ही प्रयोग करें और इसके अंदर लाल चंदन, हल्दी, फल, पानी डालकर इससे भगवान को अर्घ्य दें। आप ये अर्घ्य सुबह 9 बजे से पहले दें।
  • अर्घ्य देने के बाद मंदिर में जाकर वहां पर गरीब लोगों को कपड़े बांट दें और उन्हें खाने का सामान भी दें।
  • शाम के समय फिर से एक साथ विष्णु जी और सूर्य देव की पूजा करें।

जरूर करें पवित्र स्नान

वृश्चिक संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान जरूर किया जाता है और ये स्नान सुबह के समय होता है। इसलिए आप वृश्चिक संक्रांति के दिन किसी भी पवित्र नदी में डूबकी जरूर लगाएं। इसके अलावा आप चाहें तो अपने नहाने के पानी के अंदर गंगा जल भी डाल सकते हैं और इस पानी से स्नान कर सकते हैं।

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