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बसंती से बेइंतहा प्यार करते थे शोले के ठाकुर, इस वजह से अकेले गुजार दी पूरी ज़िंदगी

हिंदी सिनेमा का जब भी ज़िक्र होगा, तो शोले का ज़िक्र न हो, ऐसा तो संभव ही नहीं है। जी हां, फिल्म शोले ने दर्शकों पर अपनी एक अलग छवि छोड़ी है, जिसकी वजह से आज भी लोग टीवी पर इस फिल्म को बड़े उत्साह के साथ देखते हैं। इस फिल्म का एक एक किरदार लोगों के दिलों में बस चुका है। इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे फिल्म शोले में ठाकुर का किरदार निभाने वाले हीरो की, जो अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनका ठाकुर वाला किरदार आज भी हमारे दिल में है।

फिल्म शोले में ठाकुर का किरदार निभाने वाले संजीव कुमार ने 47 साल की उम्र में 6 नवंबर को दुनिया छोड़ दिया था, जिसके बाद से ही वे हमारी यादों में रहते हैं। जब भी कोई शोले फिल्म का ज़िक्र करता है, तो ठाकुर के रुप में उनका चेहरा सबके दिमाग में आ जाता है। ऐसे में आज हम आपको शोले के ठाकुर यानि संजीव कुमार की लव लाइफ के बारे में बताएंगे, जिसकी वजह से उन्होंने ताउम्र शादी नहीं की और अकेले ही दुनिया को छोड़ गए।

हेमा मालिनी को करते थे प्यार

संजीव कुमार ने जिस तरह से फिल्मों में काफी गंभीरता से एक्टिंग की, वैसे ही उनकी मोहब्बत थी। उन्होंने अपने करियर में सिर्फ एक ही बार किसी लड़की को शादी के लिए प्रपोज किया और उसने मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने किसी को प्रपोज नहीं किया। दरअसल, संजीव कुमार हेमा मालिनी को बहुत चाहते थे और हेमा भी उन्हें बहुत पसंद करती थी, लेकिन बीच में धर्मेंद्र आ गए, जिसके बाद हेमा ने संजीव कुमार को रिजेक्ट कर दिया और धर्मेंद्र से शादी कर ली। इसके बाद संजीव कुमार बहुत ही ज्यादा टूट गए थे।

इस वजह से कुंवारे थे संजीव कुमार

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो संजीव कुमार ने हेमा मालिनी को शादी के लिए प्रपोज किया था, लेकिन उसी वक्त धर्मेंद्र ने भी ड्रीम गर्ल को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। इसके बाद हेमा मालिनी ने संजीव कुमार का प्रपोजल ठुकरा दिया और धर्मेंद्र से शादी कर ली। इसके बाद संजीव कुमार ने पूरी उम्र कुंवारे रहने का फैसला किया और फिर उन्होंने किसी भी महिला को शादी के लिए प्रपोज नहीं किया, जिसके बाद उन्होंने 47 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़ दिया और खुद एक इतिहास बन गए।

मिल चुका है नेशनल अवॉर्ड

संजीव कुमार ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में की है, जिसमें से उनकी ज्यादातर फिल्में यादगार साबित हुई। तमाम फिल्मों के लिए उन्हें अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। इसी कड़ी में फिल्म  ‘दस्तक’ शामिल है, जिसमें बेहतरीन एक्टिंग के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिर एक के बाद एक बेहतरीन फिल्में दी, जोकि पर्दे पर सुपरहिट रही। बता दें कि संजीव कुमार बचपन से ही दिल के मरीज थे, जिसकी वजह से उनका देहांत बहुत ही कम उम्र में हो गया।

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